दुद्धी/सोनभद्र। प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने को लेकर लगातार कार्य कर रहें हैं। मरीजों को बेहतर सेवाओं के लिए स्वास्थ्य मंत्री लगातार अस्पतालों का भी दौरा करते रहते हैं फिर भी सोनभद्र जिले के दुद्धी तहसील मुख्यालय पर स्थित दुद्धी सीएचसी की व्यवस्था सुधरती हुई नही दिख रही हैं। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के गरीब मरीज 57 कर्मचारियों वाले सरकारी अस्पताल में भी अव्यवस्थाओं को झेलने के लिए मजबूर हैं। चाहे इलाज में लापरवाही के आरोप का मामला हो या रात्रि में डॉक्टर न रहने सहित जनरेटर नही चलने तथा मशीन होते हुए भी जाँच न होने जैसे तमाम समस्याओं को झेलने के लिए क्षेत्र के गरीब मरीज मजबूर है।मरीजों का कहना हैं कि हमलोग गरीब किसान मजदूरी करने वाले परिवार से हैं। महंगी इलाज कराना सम्भव नही होता हैं, इसलिए सरकारी अस्पताल का सहारा लिया जाता हैं लेकिन दुद्धी सरकारी अस्पताल में भरपूर संसाधनों के बावजूद सुविधाएं नही मिल पा रही हैं। यहां न तों पूर्ण रूप से साफ -सफाई रहती हैं और न पीने के शुद्ध जल की ही व्यवस्था हैं। इसके अलावा मरीज भर्ती होने पर बेड पर मिलने वाला चादर या तों मिलता ही नही हैं और किसी -किसी बेड पर चादर रहता भी हैं तों उसे महिनों से नही बदला जाता हैं। इसके अलावा शौचालय की स्थिति भी दयनीय हैं तों वहीं रात्रि में कोई भी डॉक्टर मौजूद नही रहते हैं। यहां आने पर नर्स स्टॉफ कुछ दवा वगैरह देकर डॉक्टर को बुलाते हैं। एमरजेंसी में देखने आने के बाद डॉक्टर तुरंत चले जाते हैं। कभी कभी तों रातभर मरीजों को अँधेरे में भी गुजारना पड़ता हैं।
दुद्धी सरकारी अस्पताल की यह आलम तब हैं ज़ब सोनभद्र जनपद आकांक्षी जिले में शामिल हैं और यहां काबिल अफसरों एवं डॉक्टरो की तैनाती की जाती हैं। बता दें कि सीएचसी में अधीक्षक सहित 23 सरकारी कर्मचारी तथा 34 संविदाकर्मी तैनात हैं। कुल 57 कर्मचारियों वाले सरकारी अस्पताल की व्यवस्थाओं को देख कर उत्तर प्रदेश एससीएसटी आयोग के सदस्य नीलम प्रभात भी हैरानी जता चुकी हैं, फिर उन्हें भरोसा हैं कि व्यवस्था सुधरेगी।