संगम तट पर स्नान के दौरान करतब दिखाते साधु
– फोटो : अमर उजाला
संगम घाट का दृश्य किसी स्वप्नलोक जैसा दिख रहा था। चारों ओर श्रद्धालुओं की अपार भीड़, माइक पर गूंजते मंत्रोच्चार, दूर-दूर तक संत-महात्मा दिख रहे थे। पैदल आ रहे लोगों की भीड़ धीरे-धीरे प्रशासन की व्यवस्था पर आगे बढ़ रही थी। संगम के एक किनारे पर अखाड़ों की भव्य रथ यात्रा और आस्था की अद्भुत लहरें मानो इस पवित्र स्थल को दिव्यता से भर रही थीं।
भोर की किरण के पहले ही श्रद्धालु त्रिवेणी संगम की ओर उमड़ पड़े। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाने के लिए भक्तों में उत्साह देखते ही बन रहा था।
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संगम घाट पर अमृत स्नान के दौरान श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा के संत-साधु करतब दिखाते हुए
– फोटो : संवाद
लोग हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहे थे, हर हर गंगे और जय गंगा मैया के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया था। स्नान के बाद लोग पूजा-अर्चना कर रहे थे, पंडितगण भी वैदिक मंत्रोच्चार में लीन थे और चारों ओर भक्ति और अध्यात्म की अद्भुत छटा थी।
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अमृत स्नान के दौरान श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के संत-साधु घोड़े पर सवार होकर करतब दिखाते हुए
– फोटो : संवाद
अखाड़ों का दृश्य भी देखने योग्य था। नागा संन्यासियों का भव्य जुलूस, गेरुआ वस्त्रधारी संतों की टोली, माथे पर भस्म लगाए साधु-संत अपने-अपने ध्वज थामे शोभायात्रा निकाल रहे थे। कोई ध्यान में मग्न था तो कोई अपने चमत्कारी योगबल का प्रदर्शन कर रहा था।
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वसंत पंचमी पर अमृत स्नना करते साधू संत
– फोटो : संवाद
श्रद्धालु दूर-दूर से आकर इन संतों का आशीर्वाद ले रहे थे। कुछ लोग दौड़कर चरणरज माथे पर लगा रहे थे। केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों ने श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने के लिए व्यवस्था संभाल रखी थी। हर पांच कदम पर जवान खड़ा था, जो लोगों को आगे बढ़ने का इशारा कर रहा था। श्रद्धालु भी केंद्रीय बल के होते सुरक्षा महसूस करते हुए आगे बढ़ रहे थे।
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वसंत पंचमी पर अमृत स्नना करते साधू संत
– फोटो : संवाद
आखिरी अमृत स्नान पर दिखा सनातन का विराट रूप
वसंत पंचमी पर तीसरे अमृत स्नान के दौरान संगम तीरे सनातन धर्म का विराट स्वरूप नजर आया। सनातन परंपरा के सभी 13 अखाड़ों ने राजसी ठाठ-बाट के साथ अमृत स्नान किया। संगम नगरी महादेव और सियाराम के जयकारों से गूंजती रही। हजारों की संख्या में नागा संन्यासी त्रिशूल, गदा और तलवार लहराते हुए स्नान के लिए पहुंचे। आखिरी अमृत स्नान के साथ अखाड़ों का प्रयाग प्रवास सोमवार को पूर्ण हो गया।