Allahabad High Court : इलाहाबाद हाईकोर्ट बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की कार्यकारिणी परिषद के गठन की मांगी गई जानकारी देने में की जा रही आनाकानी से खफा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार व बीएचयू प्रशासन को 16 अप्रैल तक जानकारी देने की आखिरी मोहलत दी है।
Trending Videos
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की अदालत ने हरिकेश बहादुर सिंह की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया है कि बीएचयू की कार्यकारिणी परिषद का गठन 2021 से नहीं किया गया है।
कार्यकारिणी को ही विश्वविद्यालय के लिए नियम बनाने, वित्तीय और नियुक्ति सहित अन्य मामलों में फैसला लेने का अधिकार है। निलंबित कर्मचारी की अपील सुनने का अधिकार भी कार्यकारिणी परिषद को ही है। कार्यकारिणी के न होने से कुलपति ही सारे फैसले ले रहे हैं। यह नियमों के विपरीत है।
बीएचयू के रजिस्ट्रार ने शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा भी लिखा था। लेकिन, अभी तक परिषद का गठन नहीं किया है। आरोप है कि कुलपति कार्यपरिषद का गठन कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं। कोर्ट ने पहली बार दिसंबर में केंद्र सरकार व बीएचयू प्रशासन से कार्यकारिणी परिषद के गठन के लिए की जा रही कार्रवाई की जानकारी मांगी थी। मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी।