संसद के दोनों सदनों में मैराथन चर्चा के बाद यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट एंपावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट विधेयक (उम्मीद) 2025 राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक को शनिवार देर रात अपनी मंजूरी दे दी। इस विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद सरकार ने अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित कर दिया। इस विधेयक को लोकसभा ने 3 अप्रैल और राज्यसभा ने चार अप्रैल को पारित किया था। उधर, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने इसका विरोध किया है। एआईएमपीएलबी ने कहा है कि वह सभी धार्मिक, समुदाय-आधारित और सामाजिक संगठनों के साथ समन्वय करके वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का नेतृत्व करेगा।
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एआईएमपीएलबी का कहना है कि उनका यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि कानून पूरी तरह से निरस्त नहीं हो जाता। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने कहा कि कुछ दलों द्वारा भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे को दिए गए समर्थन ने उनके तथाकथित धर्मनिरपेक्ष मुखौटे को पूरी तरह से उजागर कर दिया है।
एक बयान में एआईएमपीएलबी ने इस बात पर जोर दिया कि वह सभी धार्मिक, समुदाय-आधारित और सामाजिक संगठनों के साथ समन्वय करके इन संशोधनों के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का नेतृत्व करेगा और यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि संशोधन पूरी तरह से निरस्त नहीं हो जाते। बोर्ड ने मुस्लिम समुदाय को आश्वस्त किया कि उन्हें हताश या निराश होने की कोई आवश्यकता नहीं है।
एआईएमपीएलबी ने कहा कि नेतृत्व इस मामले में किसी भी बलिदान से पीछे नहीं हटेगा और देश में न्याय चाहने वाली सभी ताकतों के साथ मिलकर इसके खिलाफ संवैधानिक ढांचे के भीतर एक मजबूत आंदोलन शुरू करेगा।