लखनऊ। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल द्वारा रेल यात्रियों एवं रेल सम्पत्ति की सुरक्षा हेतु अनेकों प्रभावी कदम उठाये जा रहे है। जिसके अन्तर्गत संरक्षित ट्रेन परिचालन हमारी सर्वाैच्च प्राथमिकता है। इसी क्रम में मण्डल के इंजीनियनियरिंग विभाग द्वारा स्टेशनों, रेलवे यार्ड तथा रेल खण्ड़ों पर मौजूद रेल पटरियों का नियमित तौर पर अनुरक्षण एवं मानिटरिंग कार्य किया जाता है। जो यात्रियों को सुरक्षित यात्रा अनुभव एवं रेल संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इन कार्यों के माध्यम से रेल सेवाओं को और अधिक विश्वसनीय बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी संदर्भ में रेलवे स्टेशन के यार्ड में Forced Layout correction work का कार्य सम्पादित किया जाता है।
लेआउट सुधार कार्य तब किया जाता है, जब रेलवे ट्रैक का लेआउट (जैसे रेल, स्लीपर, गिट्टी, या ट्रैक माप) में कोई गंभीर खराबी या अनियमितता पाई जाती है, जो ट्रेन संचालन के लिए खतरा पैदा कर सकती है। यह कार्य आपातकालीन या तत्काल सुधार के लिए होता है। इसके अन्तर्गत रेलवे ट्रैक माप का सुधार, ट्रैक में गेज, क्रॉस-लेवल, या ट्विस्ट जैसी अनियमितताओं को ठीक किया जाता है। ट्रैक निरीक्षण के दौरान या ट्रैक रिकॉर्डर कार (टी-आर-सी-) के डेटा के आधार पर खराबी की पहचान की जाती है। इंजीनियरिंग टीम तुरंत मरम्मत कार्य शुरू करती है जिसमें मशीनरी (जैसे टैम्पिंग मशीन) और मैनुअल श्रम भी शामिल हो सकता है।
इसके अतिरिक्त रेलवे लाइन और स्लीपर की मरम्मत, वेल्डिंग और रेल जोड़ों का सुधार, टूटी या घिसी हुई रेलवे लाइन या स्लीपर को बदलना, गिट्टी (बैलास्ट) की पैकिंग, ट्रैक की स्थिरता बढ़ाने के लिए गिट्टी को समायोजित करना आदि कार्य किये जाते है।
अभी हाल ही में, लखनऊ मण्डल में सहजनवां यार्ड के कांटा सं- 201बी (अप लाइन) एवं गोरखपुर यार्ड के कांटा सं- टी-21 में ले-आऊट के प्वाइन्ट को शिफ्ट करके ले-आऊट में सुधार किया गया है।