महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी भाषा से जुड़े सरकारी आदेश (जीआर) के वापस होने के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि हम भविष्य में भी ऐसी नीति को स्वीकार नहीं करेंगे। महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी भाषा शुरू करने को लेकर बढ़ते विरोध के बाद राज्य सरकार ने त्रिभाषा नीति के दो जीआर (सरकारी आदेश) वापस लेने का फैसला किया था।
संजय राउत ने कहा कि फडणवीस को समितियां और एसआईटी गठित करने का शौक है लेकिन वह कुछ नहीं करते। त्रिभाषा समिति के अध्यक्ष बनाए गए जाधव एक अर्थशास्त्री के तौर पर सम्मानित हैं, लेकिन इस समिति की अब कोई प्रासंगिकता नहीं है। हम भविष्य में भी तीन भाषा नीति को स्वीकार नहीं करेंगे।
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पांच जुलाई को शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की मनसे के मराठी विजय दिवस समारोह मनाने को लेकर राउत ने कहा कि इस बारे में दोनों पक्षों के नेता विचार-विमर्श कर रहे हैं। हमने प्रमुख नेताओं और जनता को आमंत्रित किया है। सरकारी आदेश रद्द करने की सफलता मराठी लोगों की है। हम केवल आयोजक हैं। यहां तक कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे और हमारे नेता उद्धव ठाकरे से भी सलाह ली गई है। अब बहुत कम समय बचा है। हम सभी को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित नहीं कर सकते।
केंद्र और राज्य सरकार पर साधा निशाना
सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने धन, धमकी, ईडी, सीबीआई और चुनाव आयोग का इस्तेमाल कर शिवसेना और एनसीपी का बंटवारा कर दिया। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भारत में आतंकवादी गतिविधियों में पाकिस्तान का हाथ होने का पता लगाने में विफल रही है।
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राउत ने दावा किया कि पिछले तीन महीनों में महाराष्ट्र में 1,000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली। क्या प्रधानमंत्री को इसकी जानकारी है? सरकार अहमदाबाद विमान दुर्घटना पर अपडेट जानकारी ठीक से साझा नहीं कर रही है। दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक को लेकर राउत ने दावा किया कि आरएसएस और भाजपा भाई की तरह हैं। अगर आरएसएस चाहे तो वह भाजपा को सबक सिखा सकता है। आज भाजपा की ताकत आरएसएस कार्यकर्ताओं के प्रयासों के कारण है।