उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत बनने वाले आवासों के आसपास जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने में लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। बार-बार निर्देश के बावजूद अधिकतर विकास प्राधिकरण इस पर ध्यान नहीं दे रहे। इस संबंध में शासन को रिपोर्ट मिली है, जिसमें 12 शहरों के पीएम आवासों में जरूरी सुविधाएं नहीं मिलने का जिक्र आया है।
इन शहरों में गाजियाबाद, रायबरेली, फिरोजाबाद, उन्नाव, हापुड़, मुजफ्फरनगर, लखनऊ, गोंडा, बाराबंकी, बुलंदशहर व झांसी शामिल हैं। इनमें ऐसे कुल 8819 मकान चिह्नित किए गए हैं। विकास प्राधिकरणों की लापरवाही के चलते इन मकानों के आवंटियों को कब्जा नहीं दिया जा सका है।
बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में करीब 65 हजार किफायती मकान बनाए जाने हैं। इन मकानों को बनाकर दिसबंर 2025 तक अनिवार्य रूप से आवंटियों को कब्जा दिया जाना है। आवास और नगरीय विकास अभिकरण की बैठक में पता चला है कि विकास प्राधिकरणों द्वारा मकान तो बनाए जा रहे हैं, लेकिन इसके आसपास जरूरी सुविधाएं विकसित नहीं की जा रही हैं। इसके चलते आवंटियों को कब्जा देने में बाधा उत्पन्न हो रही है।
निदेशक आवास बंधु रवि जैन ने इस संबंध में विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और आवास आयुक्त को पत्र भेजकर जरूरी सुविधाएं देने के निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री आवास शहरी के किफायती योजना को लेकर प्रमुख सचिव आवास द्वारा 21 जुलाई को मिशन निदेशक सबके लिए आवास के साथ समीक्षा की गई। इसमें बताया गया कि केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार 31 दिसंबर 2025 तक इन भवनों को पूर्ण कर लाभार्थियों को भौतिक कब्जा देना है।