सतीश कौल का जन्म 8 सितंबर 1946 को कश्मीर में हुआ था. उनके पिता मोहन लाल कौल एक कश्मीरी कवि थे. सतीश ने अपनी स्कूली पढ़ाई श्रीनगर में पूरी की और बाद में अभिनय में करियर बनाने के लिए पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) में दाखिला ले लिया. जया बच्चन, डैनी डेन्जोंगपा और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे दिग्गज कलाकार वहां उनके क्लासमेट थे.
पंजाबी इंडस्ट्री के सुपरस्टार थे सतीश कौल
कई फिल्मों में किया था काम
सतीश ने हिंदी सिनेमा में भी अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन उन्हें पंजाबी सिनेमा जैसी सफलता नहीं मिली. उन्होंने वारंट (1975), ‘कर्मा’ (1986), आग ही आग (1987) , कमांडो (1988), ‘राम लखन’ (1989), ‘प्यार तो होना ही था’ (1998) जैसी कई हिंदी फिल्मों में काम किया.
शाहरुख को दी थी प्रेरणा
सतीश कौल
उन्होंने ‘विक्रम और बेताल’ और शाहरुख खान के साथ ‘सर्कस’ जैसे टीवी शो में भी काम किया. पंजाबी सिनेमा में योगदान के लिए उन्हें 2011 में पीटीसी लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. सतीश कौल का निजी जीवन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. शादी के कुछ समय बाद ही उनका अटलाक हो गया और पत्नी बेटे को लेकर अलग हो गईं. 2011 में वह मुंबई से लुधियाना चले गए और वहां एक अभिनय स्कूल खोला, जो घाटे में चला गया.
बिक गया था एक्टर का घर
उन्होंने बताया था कि वह बाथरूम में गिर गए थे, जिसके कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. लंबे समय से अस्पताल में रहने को मजबूर थे, क्योंकि उनका घर बिक गया था. उन्होंने कहा था, ‘दरअसल मैंने लुधियाना में एक स्कूल खोला था. मुझे उसमें बहुत नुकसान हुआ. मुझे घर बेचना पड़ा. कोई मेरी देखभाल करने वाला नहीं है, क्योंकि वर्षों पहले मेरा तलाक हो गया था और मेरी पत्नी बेटे के साथ विदेश चली गई थी. मेरे पास इलाज के पैसे नहीं हैं. उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से मदद की गुहार लगाई. उन्होंने कहा था कि लोग मदद का वादा करके जाते हैं, लेकिन कोई वापस नहीं आता’.
कोविड में तोड़ दिया था दम
10 अप्रैल 2021 को लुधियाना में कोविड-19 की चपेट में आने से 74 साल सतीश कौल का निधन हो गया. उनकी मृत्यु से प्रशंसकों को गहरा सदमा पहुंचा. साथ ही सोशल मीडिया पर लाइमलाइट में रहने के बावजूद कलाकारों के व्यक्तिगत संघर्षों और उनके अनिश्चित भविष्य पर सवाल उठे थे.