लखनऊ/एबीएन न्यूज। अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) ने वेंडर विकास और अनुमोदन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में आईआरईपीएस पोर्टल पर ‘एकीकृत विक्रेता अनुमोदन मॉड्यूल (यूवीएएम)’ की शुरुआत की है। इस नई पहल का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, व्यावसायिक लेन-देन को सुव्यवस्थित करना और एमएसएमई व अंतर्राष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं सहित व्यापक वेंडर बेस को आकर्षित करना है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में आरडीएसओ ने 131 नए वेंडरों को विकासात्मक स्रोत के तहत शामिल किया, 23 वेंडरों को अनुमोदित वेंडर का दर्जा प्रदान किया। आरडीएसओ संभावित वेंडरों से जुड़ने के लिए औद्योगिक प्रदर्शनियों में भी सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। इसी क्रम में, 19-21 सितंबर 2025 तक राजस्थान के भिवाड़ी में लघु उद्योग भारती द्वारा आयोजित 12वें भारतीय औद्योगिक मेले में भी आरडीएसओ भाग ले रहा है, जहाँ दो वेंडर मीट आयोजित की जाएँगी। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष फरवरी 2025 में आरडीएसओ ने राजकोट, गुजरात में आयोजित 9वें भारतीय औद्योगिक मेले में भी भाग लिया था।

यूवीएएम प्रणाली की प्रमुख विशेषताएँ नए वेंडरों को बिना किसी शुल्क के ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा। लॉगिन क्रेडेंशियल के बिना मद विशिष्टियों, तकनीकी रेखाचित्रों और वेंडर निर्देशिकाओं तक सीधी पहुँच। पूरी तरह डिजिटल आवेदन प्रक्रिया – जिसमें ऑनलाइन आवेदन जमा करना, दस्तावेज़ सत्यापन, क्षमताओं का आकलन और आवश्यकता पड़ने पर प्रोटोटाइप/नमूनों का परीक्षण शामिल है।सफल वेंडरों को पहले ‘विकासात्मक श्रेणी’ में शामिल किया जाएगा और संतोषजनक प्रदर्शन पर उन्हें ‘अनुमोदित वेंडर’ का दर्जा मिलेगा।
आरडीएसओ का मानना है कि इस पहल से भारतीय रेल के उच्च गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को बनाए रखने में मदद मिलेगी और आपूर्तिकर्ताओं के लिए भागीदारी और भी सुगम होगी।
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