अलीगढ़ के जिला कारागार में इस बार भाई-दूज का पर्व कड़ी सुरक्षा के बीच मनाया गया. जेल प्रशासन की ओर से विशेष तैयारियों और व्यवस्था के चलते यह पर्व जेल के भीतर बंद कैदियों और उनकी बहनों के लिए यादगार बन गया. भाई-दूज के मौके पर बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर मिठाई खिलाती हैं.
दरअसल, सुबह से ही जेल के मुख्य द्वार के बाहर बहनों की लंबी कतारें देखी गईं. अपने कैदी भाइयों से मिलने आई इन बहनों की आंखों में मिलन की चमक और चेहरे पर चिंता दोनों झलक रही थीं. प्रशासन ने इस बार भाई-दूज के अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बेहद कड़े इंतजाम किए थे. जेल के चारों ओर पुलिस बल की तैनाती की गई, साथ ही प्रवेश द्वार पर सघन चेकिंग की व्यवस्था की गई थी ताकि किसी तरह की स्थिति उत्पन्न न हो.
क्या कहते है जेल अधीक्षक?
जेल अधीक्षक बिजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि भाई-दूज के पर्व को शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न कराने के लिए पहले से ही विस्तृत योजना तैयार की गई थी. उन्होंने कहा, “बहनों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए हर स्तर पर व्यवस्था की गई है. जेल परिसर में मिठाई और पूजा सामग्री की व्यवस्था की गई थी ताकि बहनों को बाहर से लाने में कठिनाई न हो.”
‘मानवीय संवेदना और सुरक्षा’ का रखा गया ध्यान
उन्होंने बताया कि जेल प्रशासन ने इस बार “मानवीय संवेदना और सुरक्षा” दोनों पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आयोजन को सफल बनाने की ठोस रणनीति बनाई थी. भाई-दूज के अवसर पर जेल के अंदर सीमित समय के लिए मुलाकात की अनुमति दी गई थी, जिसमें सुरक्षा नियमों का पूरी तरह पालन किया गया.
क्या कहती हैं बहने?
आज वह अपने भाई से मिलकर दौज खिलाने के लिए हाथरस से यहां पहुंची है, बहनों के द्वारा आज इस त्यौहार को अच्छे तरीके से मनाया जाता है आज उनके भाई जेल की दीवारों के पीछे हैं उन्हें अच्छा नहीं लग रहा आज भाई जेल से बाहर होते तो इस त्यौहार को अच्छे तरीके से बनाते लेकिन यह सब कुछ परिस्थितियों ने कर दिया है उम्मीद है अगला त्यौहार जेल के बाहर बनाया जाएगा.
फिलहाल जेल प्रशासन के द्वारा जो व्यवस्था जेल के अंदर काफी अच्छी व्यवस्था की गई. जेल प्रशासन के द्वारा अंदर से ही मिठाई उपलब्ध कराई जा रही है. अपराध निरोधक समिति के द्वारा जेल के बाहर बहनों के लिए जलपान की व्यवस्था कराई गई है जो की सराहनीय है.










