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Bollywood Family Drama Movies: बॉलीवुड में कुछ ही फिल्में ऐसी भी हैं जो ट्रेंड सेटर बन गईं. पूरे दशक में इन फिल्मों का असर देखने को मिलता है. रोचकता इतनी कि वर्षों बाद भी कहानी पुरानी नहीं हुई. बार-बार देखने के बावजूद भी मन नहीं बनता. एक जैसी कहानी पर ऐसी ही चार फिल्में बनाई गईं. इन सभी ने बॉक्स ऑफिस पर कमाल दिखाया. दर्शकों को झकझोर कर रख दिया. इन फिल्मों को देखकर दर्शक खूब रोए.
बॉलीवुड में 33 साल के लंबे अंतराल में ऐसी चार फैमिली ड्रामा फिल्में आई, जिनकी कहानी बहुत ज्यादा मिलती-जुलती थी. इन चारों फिल्मों ने सिनेमाघरों में भले ही अलग-अलग समय में दस्तक दी लेकिन कहानी इतनी मार्मिक थी कि दर्शक खूब रोए. दिलचस्प तथ्य यह है कि सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रहीं. एक तो ब्लॉकबस्टर भी निकली. ये चारों फिल्में थीं : मेहरबान, अवतार, स्वर्ग और बागवान.

दरअसल, प्रसिद्ध बंगाली लेखिका आशापूर्णा देवी का एक उपन्यास ‘जोग बियोग’ 1953 में प्रकाशित हुआ था. इसका अर्थ है ‘जोड़ और घटाव’. ‘कलकत्ता बुक क्लब’ ने यह उपन्यास प्रकाशित किया था. इस उपन्यास का कथानक कई हिंदी फिल्मों का आधार बना. इसी उपन्यास से इंस्पायर होकर एक बंगाली फिल्म बनाई गई. डायरेक्टर थे पिनाकी भूषण मुखर्जी. 1960 में इसी उपन्यास की कहानी पर राइटर ए. भीम सिंह ने एक तमिल फिल्म बनाई. 1962 में एक तेलुगू फिल्म भी इसी कहानी पर आई. फिर 1967 में ए. भीम सिंह ने ‘मेहरबान’ नाम से एक हिंदी फिल्म भी बनाई.

21 अप्रैल 1967 में को रिलीज हुई ‘मेहरबान’ मूवी में अशोक कुमार, सुनील दत्त, महमूद, शशिकला और नूतन नजर आई थीं. फिल्म में अशोक कुमार ने बिजनेसमैन शांति स्वरूप का किरदार निभाया था. अचानक शेयर बाजार डूब जाने से वो गरीब हो जाते हैं. फिर तो पूरी दुनिया आंखें फेर लेती है. हद तो तब हो जाती है जब उनके अपने बेटे भी उनसे आंखें चुराने लगते हैं. शांति स्वरूप इस मौके पर एक डायलॉग बोलते हैं, ‘सुना था औलाद का रिश्ता मां-बाप के खून से होता है लेकिन आज मैं देख रहा हूं कि मेरी औलाद का रिश्ता मेरी धन-दौलत से है.’ कर्ज में डूबे शांति स्वरूप की हार्ट अटैक से मौत हो जाती है. फिल्म में सुनील दत्त ने शांति स्वरूप के भांजे का किरदार निभाया था. जो अपने मामा से बहुत प्यार करता है.

1983 में निर्माता-निर्देशक मोहन कुमार ने राजेश खन्ना और शबाना आजमी के साथ मिलकर एक फिल्म बनाई. नाम था : अवतार. अवतार फिल्म की कहानी भी ‘जोग बियोग’ से इंस्पायर थी. मूल कहानी का स्वरूप बदलकर स्क्रिप्ट लिखी गई थी. मोहन कुमार ने स्क्रीनप्ले लिखा था. डायलॉग मुश्ताक जलीली ने लिखे थे. गीतकार आनंद बख्शी और संगीतकार लक्ष्मीकांत पयारे लाल थे. बाद में ‘अवतार’ से इंस्पायर होकर कई भाषाओं में फिल्में बनाई गईं. 1980 के दशक में कई पारिवारिक फिल्में आई, जिसकी फाउंडेशन अवतार ने रखी थी.

‘अवतार’. फिल्म में राजेश खन्ना, शबाना आजमी लीड रोल में थे. लक्ष्मीकांत प्यारेलाल का म्यूजिक सुपरहिट रहा था. ‘हम प्यार में जीते, प्यार में मरते जाएंगे, देखेंगे, देख लेना…, ‘चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है’ जैसे गाने बहुत मकबूल हुए थे. गीतकार आनंद बख्शी ने अपने कलम का जादू बिखेरा था. वैष्णो देवी में राजेश खन्ना और शबाना आजमी ने पूरे चार दिन फिल्म की शूटिंग की थी. वहीं पर ‘चलो बुलावा आया है’ गाना फिल्माया गया था. अवतार फिल्म ऐसे समय आई थी जब राजेश खन्ना का स्टारडम खत्म हो चुका था. इस फिल्म ने उनके करियर को नई उड़ान दी. अवतार फिल्म का टाइटल पहले ‘राधा’ रखा गया था लेकिन राजेश खन्ना के किरदार के नाम अवतार किशन से प्रेरित होकर फिल्म का शीर्षक बदला गया था.

18 मई 1990 को रुपहले पर्दे पर एक फिल्म ‘स्वर्ग’ आई थी. यह फिल्म 1967 में आई फिल्म ‘मेहरबान’ से बहुत ज्यादा इंस्पायर थी. फिल्म का स्क्रीनप्ले अनीस बज्मी ने लिखा था. डायरेक्शन डेविड धवन ने किया था. आनंद मिलिंद ने म्यूजिक दिया था. फिल्म में कुल 5 गाने रखे थे. ‘ऐ मेरे दोस्त लौट के आजा, बिन तेरे जिंदगी अधूरी है..’ ‘फिल्मों के सारे हीरो, मेरे आगे जीरो.. तुम सजना के घर जाओगे, हमें याद बहुत आओगे… कैसे कटे दिन, कैसे कटी रातें..’ खूब सुने गए थे. फिल्म में राजेश खन्ना, गोविंदा, जूही चावला, मांडवी, परेश रावल लीड रोल में थे.

स्वर्ग फिल्म को नंदू जी तोलानी ने प्रोड्यूस किया था. मूल रूप से यह फिल्म आशापूर्णा देवी के उपन्यास पर आधारित थी. यह एक हिट फिल्म साबित हुई थी. फिल्म इतनी मार्मिक है कि इसे देखने के बाद आंखों में आंसू आ जाते हैं. फिल्म बहुत ही ज्यादा इमोशनल है. खासकर गोविंदा और राजेश खन्ना के बीच के कुछ सीन आंखें नम कर देते हैं. मूवी का एक गाना ‘फिल्मों के सारे हीरो, मेरे आगे जीरो…’ राज कपूर को समर्पित किया गया था.

सिनेमाघरों में 2003 में अमिताभ बच्चन-हेमा मालिनी की फिल्म ‘बागवान’ आई थी. शुरुआती 4 दिन थिएटर्स बिल्कुल सूने रहे, फिर फिल्म ने रफ्तार पकड़ी. यह एक सुपरहिट फिल्म साबित हुई. रवि चोपड़ा ने यह मूवी बनाई थी. सलमान खान और महिमा चौधरी भी इस फैमिली ड्रामा का हिस्सा बने थे. सलमान खान के छोटे से रोल ने फिल्म में जान फूंक दी और मूवी को डूबने से बचाया. यह फिल्म थी ‘मेहरबान’, ‘स्वर्ग’ जैसी फिल्मों से प्रेरित थी.

रवि चोपड़ा की पत्नी रेनू चोपड़ा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि सलमान खान ने जैसे ही अपना रोल सुना, वो फिल्म करने के लिए तैयार हो गए थे. उनका कहना था कि वो अपनी निजी जिंदगी में अपने माता-पिता की बहुत इज्जत करते हैं, इसलिए यह रोल जरूर करेंगे. ‘बागबान’ का बजट 10 करोड़ रखा गया था. फिल्म ने वर्ल्डवाइड 43 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन किया था.
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