Kartik Maas 2025: हिंदू धर्म में कार्तिक मास अत्यंत पवित्र माना गया है. मान्यता है कि, इसी मास में भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं. इस माह में करवा चौथ, दीपावली और छठ जैसे प्रमुख पर्व मनाए जाते हैं. वहीं तुलसी पूजा से भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.
कार्तिक मास के दौरान भक्त कई धार्मिक काम करते हैं. इस महीने में दीपदान और कार्तिक स्नान को धार्मिक दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. मान्यता है कि इस महीने किए गए ये कार्य जीवन में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि लाते हैं.
कार्तिक मास का महत्व
कार्तिक स्नान के लिए सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी या घर पर मंत्रों के साथ स्नान करना चाहिए. इससे शरीर और मन, दोनों की शुद्धि होती है और यह शुभ माना गया है.
माना जाता है कि, कार्तिक मास के दौरान गंगा जैसी पवित्र नदी में स्नान करने से सारे पाप कट जाते हैं. उन्हें भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है.
दीपदान से फैलता है ज्ञान का प्रकाश
कार्तिक मास में दीपदान का बहुत महत्व होता है. शाम के समय घर के मुख्य द्वार, तुलसी के पौधे और मंदिरों में दीप जलाने से अंधकार दूर होता है और जीवन में सकारात्मकता ऊर्जा का संचाल होता है.
यह लक्ष्मी प्राप्ति और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. शास्त्रों में कहा गया है कि इस मास में जलाया गया एक दीप हजार दीप जलाने के समान फल देता है.
सात्विक भोजन और संयम का महत्व
कार्तिक मास में सात्विक भोजन और संयम रखना बहुत शुभ माना गया है. इस दौरान प्याज, लहसुन, मांस और शराब से दूर रहकर फल, दूध और हल्का भोजन करने की सलाह दी जाती है.
मन, वचन और कर्म की पवित्रता से आत्मिक शांति मिलती है. साथ ही मौन व्रत, ध्यान और सत्संग करने से मनोबल बढ़ता है और मन शांत रहता है.
कार्तिक मास में दान का विशेष महत्व
कार्तिक मास में दान को सबसे श्रेष्ठ कर्म माना गया है. इस महीने अन्न, वस्त्र, दीप या भूमि का दान करने से हज़ार गुना फल प्राप्त होता है. गरीबों, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों की सेवा करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है. धर्मग्रंथों के अनुसार, कार्तिक मास में किया गया दान जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाता है.
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