बिहार में सियासी पारा हर दिन चढ़ता ही जा रहा है और इस बीच अमर उजाला का चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ पटना की धरती पर पहुंच चुका है। आज 26 अक्तूबर की शाम को राजनेताओं से जनता के मुद्दे पर सवाल पूछे गए। इसके साथ ही उनके दावों-वादों को तोला गया कि किसके पक्ष में सियासी हवा बह रही है। जनता की उम्मीदें और सवाल क्या हैं? पहले जानते हैं चाय पर चर्चा और युवाओं से चर्चा के दौरान क्या बातें हुईं।
चाय पर चर्चा
स्थानीय निवासी कृष्ण कुमार ने कहा कि हमारी राजनीतिक समझ ज्यादा नहीं है, लेकिन हम चाहते हैं कि राज्य में अच्छी सरकार बने। बिहार में अभी भी गरीबी है, इसलिए कोई भी सरकार आए, वह विकास करे। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी पर मुझे भरोसा है। यहां पर काम हुआ है, सड़कों और नालों में सुधार हुआ है। इससे यातायात भी आसान हो गया है। मुकेश कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव जो कहते हैं कि हर घर में नौकरी देंगे, उन्हें पता होना चाहिए कि 2005 के बाद शिक्षा के क्षेत्र में काम हुआ है। नीतीश कुमार ने महिलाओं को शिक्षा देने का काम किया है। तेजस्वी यादव खुद फैसले लेने में सक्षम नहीं हैं। पहले वे दरभंगा में किसी को सिंबल देते हैं और अगले दिन किसी और को। उनका खुद का भाई भी अलग से चुनाव लड़ रहा है। इससे पहले यहां जंगलराज था। 7 बजे के बाद लोग घर से बाहर नहीं निकल पाते थे और आए दिन हत्या की घटनाएं होती थीं।
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विशाल ने कहा कि यहां के हालात अब काफी बेहतर हो गए हैं। महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा मिल रही है। बिजली और सड़कों के काम में भी बहुत सुधार हुआ है। पहले ऐसा नहीं था। उन्होंने तेजस्वी यादव के नौकरी देने के वादे पर कहा कि जिनके पास डिग्री है, उन्हें नौकरी मिल रही है। जो तेजस्वी यादव कह रहे हैं, वह संभव नहीं है। वे अपने घर से नौकरी नहीं देंगे। चंदन ने कहा कि हर जगह लोग विकास को मुद्दा मान रहे हैं। लोग अब जाति या धर्म देखकर वोट नहीं दे रहे, बल्कि काम देखकर वोट देते हैं। उन्होंने आगे कहा, “यहां बंद पड़ी जूट और चीनी मिल को फिर से शुरू करना चाहिए, ताकि रोजगार के मौके बढ़ें और लोग पलायन न करें।” तेज नारायण यादव ने कहा, “सरकार को फिर से उद्योग बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। यहां बंद पड़ी मिलों को फिर से शुरू करना चाहिए।
युवाओं से चर्चा
स्थानीय निवासी केशव ने कहा कि इस बार वोट देने का आधार शिक्षा, भ्रष्टाचार और रोजगार रहेगा। हर पार्टी वादे तो बहुत करती है, लेकिन निभाती कोई नहीं। युवाओं के लिए रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है। पहले नीतीश कुमार ने डोमिसाइल नीति खत्म कर दी थी, फिर एनडीए में आने के बाद दोबारा लागू कर दी। मुख्यमंत्री को समझना होगा कि इस बार फैसला बिहार का युवा करेगा। इसलिए मैं इस बार नोटा दबाऊंगा। वहीं ऋषभ ने कहा कि यहां रोजगार ही सबसे बड़ा मुद्दा है। मुख्यमंत्री को समझना चाहिए कि डोमिसाइल नीति जरूरी है। अगर वे दूसरे राज्यों के लोगों को नौकरी देंगे, तो बिहार के युवाओं का क्या होगा? यहां के विधायक और सांसद ने भी कोई काम नहीं किया है।
अभिनव ने कह कि बिहार में बहुमत वाली मजबूत सरकार बननी चाहिए। एक स्थिर सरकार का होना बहुत जरूरी है। इस बार यह थोड़ा मुश्किल लग रहा है, लेकिन आने वाले समय में यह जरूरी होगा। सरकार कोशिश कर रही है कि युवाओं को सरकारी नौकरी मिले, लेकिन सबको सरकारी नौकरी देना संभव नहीं है। इसलिए प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों को बढ़ावा देना चाहिए। सभी राजनीतिक दलों को इस दिशा में गंभीरता से काम करना चाहिए। हिमांशु ने कहा कि दरभंगा में इस बार फिर से बीजेपी की जीत तय लग रही है। यहां के माहौल में साफ तौर पर बीजेपी की हवा चल रही है।” दिवाकर ने कहा कि नीतीश कुमार ने जमीन पर बहुत काम किया है। आरजेडी की सरकार में चीनी मिलें बंद हो गई थीं, अब सरकार को इन मिलों को फिर से शुरू करने पर ध्यान देना चाहिए।
राजनीतिक चर्चा
चर्चा की शुरूआत जदयू नेता नजरे आलम से की गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम आंकड़ों पर विश्वास नहीं रखते। ये ठगबंधन नहीं है। नीतीश कुमार का गठबंधन है, 2005 से बिहार की जनता नीतीश कुमार के साथ प्यार और अट्टू बंधन के साथ बंधी हुई है। जिस तेजी से बिहार में विकास ने गति पकड़ी है, उस तेजी के साथ 2025 में भी जनता नीतीश के साथ रहेगी। जदयू नेता ने कहा कि नीतीश कुमार ने गली गली सोलर लाइट लगवाई है, इसलिए यहां की जनता नहीं चाहेगी की ऐसी कोई सरकार आए जो इस लाइट को भी बेच दे। क्योंकि अब यहां की जनता जान गई है कि यही एक ऐसी सरकार है जो शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और मूलभूत सुविधाओं को लेकर काम रही है और आगे भी करेगी।
वीआईपी नेता ने क्या कुछ कहा
इस बीच वीआईपी नेता आनंद मधुकर ने जदयू नेता नजरे आलम की बातों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये अपना अगर बूथ भी जितवा लें तो बहुत बड़ी बात है। आनंद मधुकर ने कहा कि ये ठगबंधन की बात करते हैं, लेकिन इस बहस में इनकी ही पार्टी के जिलाध्यक्ष नहीं हैं, ऐसे में आप अंदाजा लगा लीजिए कि ठगबंधन किसमें है। आनंद मधुकर ने सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि इस प्रदेश का मुखिया खुद मानसिक रूप से जीवित नहीं है।
इस बीच भाजपा नेता अंकुर गुप्ता से सवाल किया गया, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि महागठबंधन की नाव अब डूबने की कगार पर है। अंकुर गुप्ता ने कहा कि ये बूथ की बात करते हैं, हमारी पार्टी ने बूथ स्तर पर काम किया, इसलिए हम विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे हैं और अगर हम बिहार की बात करे तो जबतक यहां राम-लक्ष्मण की जोड़ी चली है, ये सरकार हम ही बना रहे हैं। नीतीश कुमार के दल बदल वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि थोड़ा बहुत मनमुटाव हो जाता है, लेकिन वापस वो आ ही जाता है। इसलिए नीतीश जी की मानसिकता सिर्फ एक ही है कि हमारा बिहार कैसे विकसित हो।
इस बहस में कांग्रेस नेता जमाल हसन ने अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि ये विकास की बात करते हैं। विकास कहां दिखा आपको? यहां बने बनाए पुल गिर जाते हैं इसकी बात कर रहे हैं?इनकी पार्टी महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, अभी पीएम मोदी समस्तीपुर आए हुए थे, वहां महिलाओं की चेन चोरी हो गई। ये बीस साल और सत्तर साल की बात करते हैं, इसी दरभंगा में दो विश्वविद्यालय कांग्रेस की देन है। अगर कांग्रेस के वक्त पर बच्चों को पोलियो की ड्राप नहीं पिलाई गई होती तो आज कई बच्चे विकलांग पैदा हुए होते।
इस बीच भाकपा माले के नेता संदीप चौधरी से सीट शेयरिंग पर सवाल किया गया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा सीट मिलती तो बेहतर होता इसमें कोई दो राय नहीं। लेकिन 2025 के चुनाव में स्वाभाविक है 1990 से पहले और 2005 से 2020 तक की बात होगी। ये मु्द्दे की बात नहीं है, मुद्दे की बात हमारे जदयू नेता गिना रहे थे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार ये तमाम बातें इन्होंने की। लेकिन हकीकत ये है कि बिहार में शिक्षा की हालत ये है कि हजारों स्कूल मर्ज कर दिए गए हैं। स्कूल की जो बिल्डिंग बन रही है वो ढह रही है। अस्पताल की बिल्डिंग तो बनी है, लेकिन डॉक्टरों के अभाव के चलते वहां ताला लगा हुआ है। इंफ्रास्टक्चर क्यों बन रहे हैं क्योंकि उसमें मोटा कमीशन होता है। नीतीश जी इंजीनियर थे और उन्हें पता है सबसे ज्यादा पैसा कहां से आता है। इसलिए वो रोड, बिल्डिंग बना देने को विकास कहते हैं।
वहीं राजद नेता विमलेश यादव से सवाल किया गया, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि जदयू नेता नजरे आलम जी ने सोलर लाइट बेचने का जिक्र किया इसपर मैं ये कहना चाहूंगा कि जिसके साथ ये गठबंधन में है उसने लाल किला बेच दिया, एलआईसी बेच दिया, एयरपोर्ट बेच दिया। विमलेश यादव ने कहा कि हमारे नेता लालू प्रसाद यादव सामाजिक न्याय के नेता हैं। जो दलित और स्वर्ण की राजनीति करते हैं, उन्हें तो एक मंच पर लाने का काम किया, और ऐसा करना भी चाहिए।












