बिहार चुनाव की गहमागहमी के बीच गुरुवार (30 अक्तूबर) की सुबह लाश को सिवान जिले में एक खेत से बरामद किया गया. घटना दरौंदा-महाराजगंज मुख्य मार्ग स्थित दरौंदा थाना क्षेत्र के सिरसा नवका टोला की है. शव को देखने से लग रहा था कि अज्ञात अपराधियों द्वारा तेज धारदार हथियार से वार कर निर्मम हत्या कर दी गई और शव को सड़क किनारे खेत में फेंक दिया गया.
सिवान जिले दरौदा थाना में एएसआई के पद पर थे
खेत में जब स्थानीय लोगों ने शव को देखा तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव के शिनाख्त के बाद वो शव एक पुलिस वाले का ही निकला. मृतक की पहचान मधुबनी के राजनगर थाना क्षेत्र के जटही कुनवार निवासी सेवानवृत शिक्षक अनंत पासवान के छोटे बेटे 46 वर्षीय अनिरुद्ध कुमार पासवान उर्फ अनिरुद्ध बिहारी उर्फ विजय के रूप में हुई. वो सिवान जिले के दरौदा थाना में एएसआई के पद पर पदस्थापित थे. सोशल मीडिया और चैनल के माध्यम से परिजनों को घटना के बारे में पता चला, जिसके बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
अनिरुद्ध का किसी के साथ कोई बैर नहीं था- चाचा
मृतक अनिरुद्ध कुमार पासवान के चाचा राम विलास पासवान ने बताया कि पुलिस या प्रशासन ने उन्हें घटना के बारे में कुछ नहीं बताया. आज सुबह बैंगलोर से उन्हें उनके लड़के का फोन आया कि उसे मोबाइल पर अनिरुद्ध कुमार पासवान के मौत की सूचना मिली है. इसके बाद गांव के सब लोगों को जानकारी मिली. घटना के बारे में अनिरुद्ध के चाचा ने बताया कि अनिरुद्ध का किसी के साथ कोई बैर नहीं था और न ही ड्यूटी वाले जगह पर किसी से कोई दुश्मनी थी. ये घटना किसने और क्यों की उसकी जानकारी उन्हें नहीं है.
लगता है पिछले जन्म में हम किसी का गला काट दिए थे- पिता
वहीं अपने बेटे अनिरुद्ध कुमार पासवान की मौत से आहत रोते हुए उनके पिता अनंत पासवान ने बताया कि अनिरुद्ध 27 तारीख को संध्या अर्घ्य के दिन करीब 10:30 बजे वो आया था. आने के कुछ घंटे के बाद ही मना करने के बाबजूद खरना के दिन 1 बजे वो अपने दोनों बच्चों एवं पत्नी के साथ साढ़ू राजेंद्र पासवान के यहां छठ के पड़ना के बाद अपने दोनों बच्चे बड़ी लड़की अनु कुमारी उम्र 14 वर्ष एवं दूसरा आसू कुमार उम्र 8 वर्ष को लेकर कनकपुर (सकरी थाना, जिला मधुबनी) छठ मनाने निकल गया. वहां से वे पत्नी और बच्चे को छोड़ सिवान दरौदा के लिए निकल गए. उसके बाद हम उसका मुंह नहीं देख सके. लगता है कि पिछले जन्म में हम किसी का गला काट दिए थे, इसके बदले भगवान ने इस बार मेरे बेटे का गला काट दिया.
किसके उनकी हत्या की इस सवाल के जबाव में पिता ने कहा, “मेरे बेटे की बेटे की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी, किसने और क्यों उसकी हत्या की मैं नहीं जानता. मैं किसी का नाम लेकर उसको नहीं फ़साऊंगा.”
बेहतरीन राज्यस्तरीय फुटबॉलर थे अनिरुद्ध
मधुबनी जिला फुटबॉल एसोसिएशन के सचिव सुनील कुमार, संयुक्त सचिव शंभू पंजीयर और कोषाध्यक्ष संजीव कुमार यादव ने संयुक्त रूप से बताया कि अनिरुद्ध कुमार पासवान उर्फ विजय अपने समय का बेहतरीन राज्यस्तरीय फुटबॉलर था. जिले के लिए वो कई सालों तक खेले, फुटबॉल में उसको कई सर्टिफिकेट और मेडल मिले थे.
2007 में पुलिस में हुई नौकरी- पिता
अनिरुद्ध के पिता ने बताया, “मेरे दो पुत्र में वो छोटा लड़का था, उसमें 2007 में पुलिस सेवा ज्वाइन किया था. जमुई के बाद सिवान से पहले जमुई में उनका पोस्टिंग था. बड़ा लड़का अश्वनी बिहारी वकील है और दोनों की एक बहन भी है. अनिरुद्ध सिवान में अपने एक बेटे, एक बेटी और पत्नी के साथ रहता था.”
घटना के बाद मधुबनी समस्त ग्रामवासी और जिले खेलप्रेमियों में शोक है. परिजन के घर और गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया है. परिजनों का कहना है कि हत्या क्यों और कैसे हुई, किसने हत्या की उसका उनको कोई जानकारी नहीं है. स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव के वक्त हत्या होना कई सवाल खड़ा कर देता है.










