– फोटो : amar ujala
विस्तार
90 के दशक में श्रीराम मंदिर आंदोलन तेज हुआ तो अयोध्या (पहले फैजाबाद) जिले समेत मंडल की सियासत में मानो उबाल आ गया। इनमें 1996 का लोकसभा चुनाव काफी रोचक रहा, जिसमें भगवा रथ को रोकने के लिए जिले में सर्वाधिक 59 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे। इस सब के बावजूद भाजपा के फायर ब्रांड नेता रहे विनय कटियार ने सभी को पटखनी दी। भगवा रथ वायु वेग से संसद पहुंच गया, वहीं मंडल के अन्य जिलों में भी मुकाबला रोचक रहा।
जिले में 1980 तक होने वाले लोकसभा चुनावों में प्रमुख राजनीतिक दलों के अलावा इक्का-दुक्का प्रत्याशी ही चुनाव लड़ते थे। उसके बाद से सांसद बनने के सपने देखने वालों की संख्या बढ़ने लगी। 1991 में श्रीराम मंदिर आंदोलन के दौरान जब चुनाव हुआ तो भाजपा ने विनय कटियार को मैदान में उतारा। भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए सीपीआई से मित्रसेन यादव व कांग्रेस से निर्मल खत्री समेत 30 प्रत्याशी चुनाव लड़े, लेकिन विनय कटियार 37.74 प्रतिशत मत पाकर जीत गए।
ये भी पढ़ें – रॉबर्ट वाड्रा के बयान से गर्मायी सियासत, अमेठी से चुनाव लड़ने की कही बात, इस सीट पर कर चुके हैं प्रचार
ये भी पढ़ें – अंबेडकरनगर से रहा मायावती का गहरा नाता, सिर्फ जीत की हैट्रिक ही नहीं बनाई, अंतर भी बढ़ाया
अगला चुनाव 1996 में हुआ तो भगवा रथ को रोकने के लिए सारे रिकॉर्ड टूट गए। भाजपा ने विनय कटियार को ही प्रत्याशी बनाया तो सपा के मित्रसेन यादव, बसपा के इकबाल खान, कांग्रेस के यदुवंश राम त्रिपाठी समेत 59 और प्रत्याशी ताल ठोंकने लगे। पहली और शायद आखिरी बार इतनी संख्या में प्रत्याशियों के प्रचार को देखकर जनता भी दंग रह गई। हर गली-कूचे में चुनावी शोर दिन-रात सुनाई पड़ने लगा और चुनाव बेहद रोचक हो गया।
भाजपा ने सभी 59 प्रत्याशियों को चित कर दिया। इस चुनाव में विनय कटियार को 2,17,038 व मित्रसेन को 1,90,736 वोट मिले। 81,894 मतों के साथ बसपा तीसरे व 9,881 मतों के साथ कांग्रेस चौथे पायदान पर पहुंच गई। निर्दल लड़े मोहम्मद जलील व रामकुमार पाठक ने भी एक फीसदी वोट बटोरा। इसके अलावा लगभग 50 प्रत्याशी 0.5 प्रतिशत वोट भी नहीं पा सके और जमानत तक जब्त हो गई।
अन्य जिलों में भी प्रत्याशियों की रही भरमार
– राम मंदिर आंदोलन के दौरान मंडल के अन्य जिलों में भी प्रत्याशियों की भरमार रही। 1991 के चुनाव में अमेठी में 42 व सुल्तानपुर में 16 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे।
– 1996 में सुल्तानपुर में 49, अमेठी में 47, अकबरपुर में 25 व बाराबंकी में 24 प्रत्याशी चुनाव लड़े। हालांकि, इस चुनाव में फैजाबाद व सुल्तानपुर में भाजपा, बाराबंकी में सपा, अकबरपुर में बसपा व अमेठी में कांग्रेस के प्रत्याशी विजयी रहे।