अखिलेश यादव
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उत्तर प्रदेश के एटा में सपा के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव कड़ा इम्तिहान है। दरअसल पिछले चुनावों में अहम भूमिका निभाने वाले बड़े नाम इस बार गुमनाम हैं। कई भाजपा में शामिल हो गए तो कुछ जेल की सलाखों के पीछे हैं। ऐसे में बचे हुए कुनबे को जोड़कर चुनाव में ताकत झोंकने की कोशिश की जा रही है।लोकसभा चुनाव से काफी पहले ही सपा के खेमे में सेंध लगना शुरू हो गई थी।
जिले में सपा के बड़े नेता और मुलायम सिंह के करीबी रमेश यादव उप्र विधान परिषद के सभापति भी रहे। उनके नेतृत्व में जिले में कई चुनाव लड़े गए। हालांकि विधान परिषद सभापति कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्होंने स्वयं की तो राजनीतिक रूप से सक्रियता लगभग खत्म कर दी। लेकिन उनके पूर्व सपा से पूर्व सदर विधायक आशीष यादव उर्फ आशू ने मार्च 2022 में सपा छोड़ भाजपा की सदस्यता ले ली। पार्टी के टिकट पर एमएलसी भी चुने गए, वर्तमान में इस पद पर पार्टी के साथ हैं।