7 अक्तूबर 2023 को हमास के हमले के साथ शुरू हुआ इस्राइल और हमास के बीच युद्ध अब एक नए मोड़ की ओर जाता हुआ दिख रहा है। लेबनान के साथ अस्थायी युद्ध विराम पर सहमति जताने के बाद पूरी दुनिया में बातचीत तेज हो गई है। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को लेबनान में इस्राइल और हिजबुल्लाह के बीच अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से हुए युद्धविराम समझौते का स्वागत करते हुए इसे अच्छी खबर बताया है।
अपने संबोधन में बाइडन ने आगे कहा कि मैंने अपनी टीमों को इस्राइल और लेबनान की सरकारों के साथ मिलकर युद्धविराम कराने का निर्देश दिया ताकि इस्राइल और हिज़्बुल्ला के बीच संघर्ष को समाप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि हम आज एक समझौते पर पहुंचे, जो कल सुबह 4 बजे (स्थानीय समय) प्रभावी होगा। उन्होंने कहा कि लेबनान और इजराइली सीमा पर लड़ाई समाप्त हो जाएगी।
समझौता पूरी तरह लागू करना करेंगे सुनिश्चित- बाइडन
बाइडन ने कहा कि यू.एस. ने फ्रांस और हमारे अन्य सहयोगियों के पूर्ण समर्थन के साथ, इस्राइल और लेबनान के साथ मिलकर काम करने का वादा किया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह समझौता पूरी तरह से लागू हो। अगर हिजबुल्ला या कोई और इस समझौते को तोड़ता है और इजराइल के लिए सीधा खतरा पैदा करता है तो इजराइल को राष्ट्रीय कानून के अनुरूप आत्मरक्षा का अधिकार है।
बाइडन ने फांस के राष्ट्रपति का किया धन्यवाद
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने फ्रांस की मध्यस्थता से हुए युद्धविराम समझौते को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैकरॉन का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस क्षण तक पहुंचने में उनकी भागीदारी के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैकरॉन को धन्यवाद। उन्होंने कहा कि इस्राइल ने यह युद्ध शुरू नहीं किया लेकिन लेबनानी लोगों ने भी इस युद्ध की मांग नहीं की थी, न ही अमेरिका ने।
नेतन्याहू ने अमेरिका को किया धन्यवाद
इस्राइली पीएम कार्यालय ने लेबनान में युद्धविराम को लेकर ट्वीट किया कि इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से बात की और लेबनान में युद्धविराम समझौते को प्राप्त करने में अमेरिका की भागीदारी के लिए और इस बात की समझ के लिए उन्हें धन्यवाद दिया कि इजराइल इसे लागू करने में कार्रवाई की स्वतंत्रता बनाए रखता है।
यूके पीएम कीर स्टारमर ने जारी किया बयान
लेबनान में इस्राइल-हिजबुल्लाह के बीच अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से हुए युद्धविराम को लेकर यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री कीर स्टारमर ने अपना बयान जारी किया।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उनका प्रशासन गाजा पट्टी में छापामार युद्ध पर भी विराम लगाने पर जोर दे रहा है। उन्होंने कहा कि गाजा के लोग भी लड़ाई और विस्थापन के खात्मे के हकदार हैं। वे नरक से गुजर रहे हैं। वहां नागरिकों को बहुत अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। जो बाइडन ने आगे अपने संबोधन में यह भी कहा कि यह संभव है कि सऊदी अरब और इज़राइल संबंध सामान्य कर सकें। हमास ने कई महीनों तक सद्भावनापूर्ण युद्ध विराम और बंधक समझौते पर बातचीत करने से इनकार कर दिया है। अब हमास के पास एक विकल्प है। उनका एकमात्र रास्ता अमेरिकी नागरिकों सहित बंधकों को रिहा करना है जिन्हें उन्होंने पकड़ रखा है।
यूरोपीय संघ प्रमुख ने की युद्धविराम की सराहना
यूरोपीय संघ प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने भी इस्राइल-हिजबुल्ला के बीच हुए संघर्ष विराम की सहारना की है। उन्होंने कहा कि इस युद्धविराम समझौते से लेबनान की आंतरिक सुरक्षा और स्थिरता बढ़ेगी। वॉन डेर लेयेन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह घोषणा लड़ाई से प्रभावित लेबनानी और इस्राइली लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्वागत योग्य खबर थी। उन्होंने कहा कि हिजबुल्ला के कम प्रभाव के कारण लेबनान के पास आंतरिक सुरक्षा और स्थिरता बढ़ाने का अवसर होगा।
इस्राइली सुरक्षा कैबिनेट की सहमति
समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, सुरक्षा कैबिनेट (नेतन्याहू सरकार के तहत देश की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था) ने कथित तौर पर युद्ध विराम पर सहमति व्यक्त की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खुद भी अस्थायी युद्ध विराम समझौते पर अपनी सहमति जताई है। वहीं, इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने यह भी कहा, ‘संघर्ष विराम की अवधि लेबनान में क्या होता है इस पर निर्भर करती है। हम समझौते को लागू करेंगे और किसी भी उल्लंघन का जोरदार जवाब देंगे। हम जीत तक एकजुट रहेंगे।’
7 अक्तूबर से चल रहा है संघर्ष
गौरतलब है कि पिछले साल 7 अक्तूबर को इस्राइल में घातक हमला हुआ था जिसके बाद पश्चिमी एशिया में तनाव फैल गया। यह संघर्ष बाद में कई मोर्चों पर शुरू हो गया जिसमें इस्राइल और लेबनान में मौजूद गुट हिजबुल्ला भी आपस में भिड़ गए। इस्राइल और हिजबुल्ला की खूनी जंग में लेबनान में 3750 से अधिक लोग मारे गए हैं और 10 लाख से अधिक लोगों को अपने घरों से बेघर होना पड़ा है।