सुरक्षा परिषद में ईरान-इस्राइल ने एक दूसरे पर लगाए आरोप
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सीरिया में ईरानी दूतावास पर हमले के बाद से ही ईरान बौखलाया हुआ है। इस हमले के लिए ईरान ने इस्राइल के अड़ियल रवैये को जिम्मेदार ठहराया है। जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान ने इस्राइल पर कई ड्रोन और मिसाइलें दागीं। इस्राइल-ईरान के संघर्ष के खतरे को बढ़ता देख संयुक्त राष्ट्र की परमाणु हथियारों पर निगरानी रखने वाली संस्था के प्रमुख ने सोमवार को चिंता जताई। कहा गया कि ईरान पर जवाबी कार्रवाई करते हुए इस्राइल ईरानी परमाणु सुविधाओं को निशाना बना सकता है।
इससे पहले इस्राइली सेना प्रमुख ने सोमवार को कहा कि ईरान की तरफ से दागे गए ड्रोन और मिसाइलों का जवाब उनका देश जरूर देगा। इस्राइल ने दावा किया था कि ईरान की तरफ से करीबन 300 अलग-अलग प्रकार के ड्रोन दागे गए, जिसमें बैलिस्टिक और क्रूज ड्रोन भी शामिल थे।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल गॉसी ने बताया कि ईरान ने सुरक्षा कारणों से अपनी परमाणु सुविधाएं बंद कर दी हैं। हालांकि, सोमवार से फिर इसे खोला गया। उन्होंने बताया कि आईएईए के निरीक्षकों को तब तक दूर रखा गया है, जब तक की हम देख नहीं लेते कि स्थिति पूरी तरह से शांत है।
उन्होंने आगे कहा कि हम कल फिर से काम शुरू करने जा रहे हैं। इसका हमारी निरीक्षण गतिविधि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। आईएईए लगातार ईरानी परमाणु सुविधाओं पर नजर बनाए हुए है। इस बीच ईरान ने बताया कि उनका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है, लेकिन पश्चिमी शक्तियां तेहरान पर परमाणु बम बनाने का आरोप लगाती रहती हैं।
क्या है मामला?
एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ था। इससे दूतावास का एक खंड पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। वहीं, ईरान के दो शीर्ष सैन्य जनरल और पांच अन्य अधिकारी भी मारे गए थे। इस हमले का ईरान इस्राइल पर आरोप लगा रहा है। साथ ही उसने जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी थी।