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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसले में कहा कि कानून किसी चीज को जैसा कहता है उसे उसी प्रक्रिया के तहत किए जाए, अन्यथा नहीं। इस अहम विधिक व्यवस्था के साथ न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह ने सेवा कानून के मामले में सहायक महिला बैंक प्रबंधक के कानपुर से वड़ोदरा (गुजरात) किए गए तबादले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने यह फैसला कविता गिरि की याचिका पर दिया। याची ने बैंक ऑफ बड़ौदा प्रशासन के 4 नवंबर 2023 को पारित तबादला आदेश को चुनौती देकर रद्द करने का आग्रह किया था। याची कहना था कि उसका तबादला खासतौर पर महिला बैंक अधिकारी संबंधी तबादला नीति के खिलाफ किया गया है।
उधर, बैंक प्रशासन की ओर से याचिका का विरोध कर कहा गया कि बैंक की तबादला नीति के तहत ही याची का एक जोन से दूसरे जोन में तबादला किया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि याची का तबादला आदेश, तबादला नीति के किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता है।
कोर्ट ने कहा कि किसी कानून के तहत बने नियमों को एक साथ पूरा पढ़ा जाना चाहिए। कोर्ट ने कई नजीरों के हवाले से कहा कि अगर कानून किसी चीज को करने के लिए खास प्रक्रिया अपनाकर खास तरीके से किया जाना कहता है, तो कानूनी प्रक्रिया अपनाकर उसे उसी तरह किया जाएगा, अन्यथा नहीं। इस विधिक व्यवस्था के साथ कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।