संदेशखाली शाहजहां शेख
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पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में बरामद हथियारों के बाद अब सवाल उठने लगे हैं कि इतनी मात्रा में हथियार और गोला बारूद कहां से आ गए। सवाल यह भी उठ रहा है कि जिस तरह के हथियार मिले हैं, उसके तार कहीं आतंकवादी संगठन से तो जुड़े नहीं हैं। अगर ऐसा है तो शाहजहां शेख की इसमें भूमिका क्या है। हथियारों के मिलने के बाद एजेंसियों ने जांच का दायरा और बढ़ा दिया है। सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियां भी इस सवाल का भी जवाब तलाशने में लगी हैं। वहीं, सुरक्षा बल अभी भी वहां अपनी तलाश जारी रखे हुए हैं।
जानकारों के मुताबिक विदेशी हथियार रखने का मतलब अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोहों के साथ संबंध होना दर्शाता है। अब सवाल उठ रहा है कि तो क्या शाहजहां के किसी अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करों के साथ संबंध हैं? चुनावों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के सामने यह सवाल उठना स्वाभाविक है। क्या कोई अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन इस हथियार तस्करी से जुड़ा है? शाहजहां इसमें कैसे जुड़ा है। कैसे होती थी हथियारों की तस्करी? शाहजहां के बांग्लादेश में रोहिंग्या कैंप के दौरे का इससे क्या संबंध है? तो क्या शाहजहां सीधे तौर पर रोहिंग्या को घुसपैठ कराने और शरण देने में शामिल है?
सीबीआई की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में तस्वीरों के साथ दावा किया गया है कि हथियारों के साथ कुछ दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। जेल में बंद तृणमूल नेता शाहजहां का सचित्र पहचान पत्र भी है। शाम को सीबीआई ने कहा, तीन विदेशी रिवॉल्वर, एक भारतीय रिवॉल्वर, कोल्ट कंपनी द्वारा निर्मित पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, एक विदेशी पिस्तौल, एक घरेलू बंदूक, 9 मिमी की 120 गोलियां, प्वाइंट 45 कैलिबर की 50 कारतूस, 9 एमएम के 120 कारतूस, प्वाइंट 380 के 50 कारतूस और प्वाइंट 32 के 8 कारतूस बरामद किए गए।