इस साल रिलीज हुईं तीन मेगा बजट फिल्में ‘फाइटर’, ‘ऑपरेशन वैलेंटाइन’ और ‘बड़े मियां छोटे मियां’ इसलिए भी दर्शकों को पसंद नहीं आई क्योंकि इनकी अधिकतर शूटिंग स्पेशल इफेक्ट्स के सहारे ही पूरी की गई। हॉलीवुड के मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की ‘एवेंजर्स एंडगेम’ के बाद रिलीज हुई फिल्मों की भी यही सबसे कमजोर कड़ी मानी गई और इसी के चलते एमसीयू की नई फिल्म ‘डेडपूल एंड वूल्वरिन’ में तमाम दृश्यों की शूटिंग वास्तविक जगहों पर की गई है। ऐसा ही कुछ फिल्म ‘कंगुवा’ को बनाने वाली फिल्म कंपनी स्टूडियो ग्रीन ने भी किया है।
फिल्म ‘कंगुवा’ में बॉबी देओल खलनायक की भूमिका में हैं, और अभिनेता सूर्या ने एक ऐसे वीर योद्धा का किरदार निभाया है जो सौ साल बाद फिर अपने रंग में हैं। फिल्म दो अलग-अलग कालखंडों की कहानी कहती है और इन कालखंडों को परदे पर वास्तविक बनाने के लिए इसके निर्माताओं ने फिल्म की शूटिंग दुनिया भर की रीयल लोकेशंस पर की है। यूरोप, थाईलैंड और श्रीलंका की कई आकर्षक जगहों पर फिल्म की शूटिंग तो की ही गई है, फिल्म निर्माताओं ने इस फिल्म के लिए देश में कई ऐसी जगहें खोज निकालीं, जिन्हें परदे पर देखना एक अलग ही अनुभव होगा।
जानकारी के मुताबिक करीब 350 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म के कुछ अहम हिस्से चेन्नई के पास और कुछ हिस्से पुदुचेरी में भी फिल्माए गए हैं। लेकिन, फिल्म का एक शानदार सीक्वेंस फिल्माने के लिए फिल्म ‘कंगुवा’ के निर्देशक शिवा ने केरल में कोडाइकनाल के जंगलों को चुना और यहां सूर्या के साथ एक महत्वपूर्ण सीन फिल्माया गया। फिल्म के दृश्यों को वास्तविक बनाने के लिए इसके निर्माताओं ने सिनेमा की आधुनिकतम तकनीकों का इस्तेमाल किया है।
फिल्म ‘कांगुवा’ के निर्देशक शिवा फिल्म के टीजर को मिले अभूतपूर्व प्यार से आह्लादित हैं। वह अब फिल्म का ट्रेलर ऐसा काट रहे हैं जिसे देखने वाला हर शख्स फिल्म देखने के लिए बेताब हो जाए। फिल्म की निर्माता कंपनी स्टूडियो ग्रीन साउथ सिनेमा की दिग्गज कंपनी रही है। इसी कंपनी की बनाई ‘सिंघम’ सीरीज को हिंदी सिनेमा के निर्देशक रोहित शेट्टी ने अपने पुलिस यूनिवर्स में तब्दील किया है।
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