सैटेलाइट (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : आईस्टॉक
विस्तार
धरती पर नजर रखने वाले नासा के तीन उपग्रहों की उम्र पूरी हो गई है। लंबे वक्त से चल रहे ऑर्बिटर टेरा, एक्वा और ऑरा को जल्द ही बंद कर दिया जाएगा। एक हाथी जितने भारी ये उपग्रह अगले कुछ वर्षों में अंधेरे में चले जायेंगे, लेकिन कोई नहीं जानता कि ऐसा कब होगा। ये धीरे-धीरे अपनी ऊंचाई खो रहे हैं। यह एक ऐसा पल है जिससे वैज्ञानिक डर रहे हैं। दो दशकों से भी अधिक वक्त से ये उपग्रह पृथ्वी पर नजर रखे हुए हैं। जो उम्मीद से भी अधिक है। इनसे मौसम की भविष्यवाणी करने, जंगल की आग का प्रबंधन करने, तेल रिसाव की निगरानी करने और बहुत कुछ करने में मदद मिलती है।
इसके बाद वैज्ञानिकों को बदलती जा रही पृथ्वी के बारे में अपने नजरिए को परखने का समाधान खोजने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। लेकिन अब इन उम्र उन पर हावी हो रही है। ये जल्द ही अपना आखिरी प्रसारण भेजने के साथ पृथ्वी पर धीमी रफ्तार से गिरना शुरू कर देंगे। उपग्रहों के बंद होने के साथ ही इनका इकट्ठा किया गया अधिकांश डेटा भी खत्म हो जाएगा।
सारा डेटा नहीं ले पाएंगे नए उपग्रह
इनकी जगह लेने वाले नए उपग्रह सारा डेटा नहीं ले पाएंगे। शोधकर्ताओं को या तो अपनी सटीक जरूरतों को पूरा न कर सकने वाले वैकल्पिक स्रोतों पर निर्भर रहना होगा या अपने रिकॉर्ड को जारी रखने के लिए नया रास्ता तलाशना होगा। इन उपग्रहों के इकट्ठा किए गए कुछ डेटा के साथ हालात और भी बदतर है, क्योंकि कोई अन्य उपकरण इसे इकट्ठा करना जारी नहीं रखेगा। हमारी दुनिया के बारे में जो बढ़िया विशेषताएं इन उपग्रहों ने बताई थी वो जल्दी ही धुंधली हो जाएगी।
मुश्किल हो सकता है ओजोन परत को समझना
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वायुमंडलीय रसायनज्ञ सुसान सोलोमन के मुताबिक, इस अपूरणीय डेटा को खोना बेहद दुखद है। वो भी उस वक्त जब यह समझने पर ध्यान केंद्रित करने की सबसे अधिक जरूरत है कि हम पृथ्वी को कैसे प्रभावित होते हैं और हम इससे कैसे प्रभावित कर रहे हैं। इन उपग्रहों के खत्म होने से हम समताप मंडल पर नजर खो देंगे। ये ओजोन परत का सबसे अहम घर है। समताप मंडल की ठंडी, पतली हवा में, ओजोन अणु लगातार बनते और नष्ट होते, उछलते और बहते रहते हैं, क्योंकि वे अन्य गैसों के साथ संपर्क करते हैं। इनमें से कुछ गैसों की उत्पत्ति प्राकृतिक है; दूसरे हमारी वजह से वहां हैं।
जलवायु निगरानी पर होगा असर
बीते साल, नासा ने वैज्ञानिकों से इस बारे में विचार विमर्श किया कि टेरा, एक्वा और ऑरा का अंत उनके काम को कैसे प्रभावित करेगा। उनमें से 180 से अधिक ने इसका जवाब दिया। न्यूयॉर्क टाइम्स को सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम के जरिए ये पत्र हासिल हुए थे। इनमें शोधकर्ताओं ने उपग्रहों से डेटा की एक विस्तृत श्रृंखला के बारे में चिंता जताई थी। वैज्ञानिकों ने लिखा कि जंगल की आग के धुएं, रेगिस्तानी धूल और ज्वालामुखीय गुबार में कणों के बारे में जानकारी। बादलों की मोटाई को मापना, दुनिया के जंगलों, घास के मैदानों, आर्द्रभूमियों और फसलों के मापे गए बेहतरीन नक्शे, ये सभी कारक तय करते हैं कि डेटा कितना उपयोगी है।