Vishnu Ji Avatar: जब-जब पृथ्वी पर संकट आया है, अधर्म ने पैर पसारे हैं तब भगवान ने अवतार लेकर धरती की रक्षा की है और पुन: धर्म को स्थापित किया है. ग्रंथों में भगवान विष्णु के 24 अवतारों (Vishnu ji 24 avatar) का वर्णन है.
कहा जाता है कि इन में से 23 अवतार अब तक पृथ्वी पर अवतरित हो चुके है जबकि 24वां अवतार ‘कल्कि अवतार’ (Kalki avatar) के रूप में होना बाकी है. क्या आप जानते हैं विष्णु जी के इन सभी अवतारों में सबसे शक्तिशाली अवतार कौन सा था ? आइए जाने
गीता में श्रीहरि के अवतार
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्
अर्थ – जब-जब धर्म की हानि होने लगती है और अधर्म बढ़ने लगता है, तब-तब मैं स्वयं की रचना करता हूं, अर्थात् जन्म लेता हूं. मानव की रक्षा दुष्टों के विनाश और धर्म की पुनःस्थापना के लिए मैं अलग-अलग युगों में अवतरित होता हूं.
विष्णु जी के दशावतार (Vishnu ji Dashavatar)
शास्त्रों एवं ग्रंथो के अनुसार श्रीहरि विष्णु जी के 24 अवतार माने गए है. इन्में से 10 अवतार विष्णु जी के प्रमुख अवतार है, इसे ‘दशावतार’ भी कहा जाता है.
- मत्स्य अवतार (Matsya Avatar): मत्स्य अवतार को भगवान विष्णु का पहला अवतार कहा जाता है. जब एक राक्षस ने वेदों को समुद्र की गहराई में छिपा दिया था तब भगवान मछली के अवतार में प्रकट हुए थे और वेदों को पाया था.
- कच्छप अवतार (Kurma Avatar): समुद्र मंथन के दौरान जब मंदार पर्वत को मथानी बनाया तो वह सागर में धंसता चला जा रहा था, तब श्रीहरि ने कच्छप या कूर्म अवतार लेकर मंदार पर्वत को अपनी पीठ कर धारण किया. इससे समुद्र मंथन संपन्न हो सका.
- वराह अवतार (Varaha Avatar): जब हिरण्यकशिपु के भाई हिरण्याक्ष ने पृथ्वी का हरण कर उसे समुद्र की गहराई में छिपा दिया था तब श्रीहरि ने वराह यानी सुअर के रूप में अवतार लेकर हिरण्याक्ष का वध कर पृथ्वी को मुक्त कराया.
- नृसिंह अवतार (Narasimha Avatar): पौराणिक मान्यता अनुसार श्रीहरि विष्णु के सभी अवतारों में नरसिंह अवतार को सबसे शक्तिशाली माना जाता है. नरसिंह अवतार में श्रीहरि आधा शेर और आधा मनुष्य रूप लेकर प्रकट हुए और उन्होंने भक्त प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा की और उसके पिता हिरण्यकश्यप का वध किया. वध करने के बाद भी नरसिंह भगवान का क्रोध शांत नहीं हुआ था और सृष्टि में त्राहि-त्राहि मच गई, तब शिव ने शरभ अवतार लेकर उनके क्रोध को शांत कराया.
- वामन अवतार ((Vamana Avatar): भगवान ब्राम्हण बालक के रूप में धरती पर आए थे और प्रहलाद के पौत्र राजा बलि से दान में तीन पद धरती मांगी थी. तीन कदम में वामन ने अपने पैर से तीनों लोक नाप कर राजा बलि का घमंड तोड़ा था.
- परशुराम अवतार (Parshuram Avatar): क्षत्रियों के अहंकारी विध्वंश से संसार को बचाने के लिए विष्णु जी ने भगवान परशुराम के रूप में जन्म लिया था. परशुराम जी चिरंजीवी हैं.
- श्रीराम अवतार (Ram Avatar): त्रेता युग में भगवान विष्णु ने श्रीराम अवतार में जन्म लिया. रावण के आतंक और पाप से संसार को मुक्त कराया.
- श्रीकृष्ण (Krishna Avatar): द्वापर युग में कृष्ण अवतार लेकर उन्होंने अधर्म को समाप्त कर धर्म की पुन: स्थापना थी. श्री कृष्ण की महाभारत के युद्ध में बहुत बड़ी भूमिका थी. वह इस युद्ध में अर्जुन के सारथी थे.
- बुद्ध गौतम अवतार (Buddha Avatar): विष्णु जी के दशावतारों में एक अवतार महात्मा गौतम बुद्ध भी है. इनका नाम सिद्धार्थ था. इन्हें बौद्ध धर्म का संस्थापक माना जाता है.
- कल्कि अवतार (Kalki Avatar): कलयुग के अंत में श्रीहरि का आखिरी अवतार कल्कि रूप में होगा. जो अधर्मियों का नाश कर धर्म को स्थापित करें.इसके बाद फिर से सतयुग शुरू हो जाएगा.
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