वैशाख शुक्ल पक्ष की नवमी को सीता जी का प्राक्ट्य हुआ था. इस साल वैशाख शुक्ल नवमी 16 मई को सुबह 06.22 से शुरू होकर 17 मई सुबह 08.48 तक रहेगी. इस दिन सीता जी की पूजा मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, क्योंकि सीता जी देवी लक्ष्मी का स्वरूप मानी गई हैं.
सुखी दांपत्य जीवन और पति की लंबी उम्र के लिए सीता नवमी पर मां सीता को 16 श्रृंगार अर्पित करें, फिर ये सुहाग सामग्री सुहागिनों में दान कर दें.
सीता नवमी पर सीता चालीसा का पाठ करना चाहिए. मान्यता है इसके प्रभाव से पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं. प्रेम में वृद्धि होती है, विचारों में कभी मतभेद नहीं होते.
सीता नवमी पर माता को खीर का भोग लगाएं. फिर इसे सात कन्याओं में बांट दें. ये उपाय आर्थिक तंगी से छुटकारा दिलाने में मदद करेगा. साथ ही धन का अभाव नहीं होगा.
शीघ्र विवाह की कामना के लिए सीता नवमी के दिन श्री जानकी स्तुति का पाठ करें. मान्यता है इससे कुंडली में ग्रहों की अशुभता दूर होती है. शादी के योग बनते हैं.
राजा जनक ने मां सीता को खेत में पाया था. सीता नवमी के दिन गाय, बैल को चारा खिलाएं, जल पिलाने की व्यवस्था करें और पशुओं की सेवा करें. इससे मनचाही इच्छा पूरी होती है.
Published at : 15 May 2024 08:35 AM (IST)
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