सम्मन के जरिए दो जुलाई को एससी/एसटी कोर्ट में हाजिर होने का है आदेश
दलित विधवा महिला की जमीन कब्जा करने और जान मारने की धमकी का है आरोप
सोनभद्र। दलित विधवा महिला की जमीन पर कब्जा करने और करवाने के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट, सोनभद्र आबिद शमीम की अदालत ने शनिवार को प्रथम दृष्टया अपराध मानते हुए नायब तहसीलदार, दो लेखपाल समेत सात लोगों को एससी/एसटी एक्ट व अन्य धाराओं में तलब किया है। आरोपियों को सम्मन के जरिए आगामी दो जुलाई को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। उक्त आदेश दलित विधवा महिला हीरावती पत्नी स्वर्गीय संतोष निवासिनी ग्राम सजौर, थाना रॉबर्ट्सगंज, जिला सोनभद्र द्वारा अधिवक्ता एपी चतुर्वेदी के जरिए दाखिल परिवाद पत्र पर दिया है।
परिवाद पत्र में हीरावती ने आरोप लगाया है कि उसका गांव का पुस्तैनी मकान एक कमरा गांव के ही देवमणि पुत्र रामचंदर तथा गोपाल मणि पुत्र द्वारिका प्रसाद द्वारा छह लोगों के हिस्से की जमीन में अपने हिस्से से ज्यादे भूमि तहसील कर्मचारियों तथा किशमिश पत्नी जगदीश एवं जगदीश पुत्र शिवदास को 18 नवंबर 2020 को बैनामा कर दिया। हल्का लेखपाल रामधनी यादव को 50 हजार रुपये देकर उसे रामधनी यादव द्वारा 10 जून 2023 को थाना दिवस पर रॉबर्ट्सगंज थाने पर बुलाकर बैठाया गया और कहा गया कि दो बजे के बाद तुम्हारे प्रार्थना पत्र की जांच करने चलेंगे। उधर उसे धोखा देकर किशमिश पत्नी जगदीश से कह दिया कि आज ही दो घंटे के भीतर मड़हा लगा लो नहीं तो घर मकान नहीं मिल पाएगा। जब उन लोगों से संपर्क किया तो भद्दी भद्दी जातिसूचक शब्दों से गाली देने लगे। इतना ही नहीं उसे जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। इस मामले की शिकायत उसने तहसील दिवस में किया जिसपर नायब तहसीलदार रॉबर्ट्सगंज ज्ञानेंद्र कुमार यादव की अध्यक्षता में राजस्व विभाग की टीम द्वारा जांच किया गया, लेकिन उन लोगों द्वारा उसे डरा धमकाकर सुलह समझौता पर जबरन हस्ताक्षर बनवा लिया गया। इसके अलावा नायब तहसीलदार द्वारा उसके मकान का आधा हिस्सा किशमिश को दे दिया गया। जिसकी शिकायत 17 जुलाई 2023 को एसडीएम सदर से की गई तो उन्होंने कब्जा हटवाने का निर्देश दिया। लेकिन हल्का लेखपाल दुर्गेश पांडेय और अन्य लोगों द्वारा कब्जा नहीं हटवाया गया। बल्कि इधर उधर की बात कहकर कब्जा हटवाने के लिए न्यायालय में मुकदमा दाखिल करने की बात कही जाने लगी। जब थक गई तो शिकायती पत्र रॉबर्ट्सगंज थाने में दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुईं। तब 6 सितंबर 2023 को एसपी सोनभद्र और डीएम सोनभद्र को रजिस्टर्ड डाक से सूचना दिया। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब मजबूर होकर न्यायालय की शरण मे आना पड़ा।
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने अधिवक्ता एपी चतुर्वेदी के तर्कों को सुनने एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर प्रथम दृष्टया अपराध मानते हुए नायब तहसीलदार ज्ञानेंद्र कुमार यादव, लेखपाल रामधनी यादव ,लेखापाल दुर्गेश पांडेय, देवमणि, गोपाल मणि, किशमिश और जगदीश को आईपीसी की धारा 506 तथा एससी /एसटी एक्ट में तलब किया है। इन्हें सम्मन के जरिए आगामी दो जुलाई 2024 को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है।