गंगा पार मुबई की इनकम टैक्स द्वारा अटैच की गई सट्टा किंग की संपत्ति।
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मुंबई इनकम टैक्स विभाग की टीम ने मुंबई के ऑनलाइन सट्टा किंग की अरबों की बेनामी संपत्ति को अपने अधीन कर लिया। गंगा पार चार गांवों के रकबे में फैले 15 सौ बीघे के फार्म पर चार बोर्ड लगा दिए। यह भूमि इनकम टैक्स की है। न कोई इसे बेचेगा और न खरीदेगा। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में चार सदस्यीय टीम ने कार्रवाई की।
इनकम टैक्स मुंबई की डिप्टी कमिश्नर कनिका नरूला ने मुंबई में पकड़े गए सट्टा किंग रमेश चौरसिया के मामले की गहनता से छानबीन की तो पता चला कि धनौरा तहसील क्षेत्र में उसकी 15 सौ बीघे से अधिक बेनामी भूमि है। जिसे उसने चार अलग-अलग कंपनी के नाम खरीदा।
पहली कंपनी एआरसी एग्रो केमिकल एलएलपी नाम से है। जिसका रकबा सिहाली मेव में है। यहां पर 19 अलग-अलग गाटा संख्या में भूमि होने की जानकारी मिली। दूसरी कंपनी एआरसी एग्रीकल्चर एलएलपी के नाम सिहाली मेव के रकबे में जमीन है। यहां भी कई गाटा संख्या में भूमि है।
आदेश एग्रीकल्चर एलएलपी कंपनी के नाम से सिहाली मेव व जलाल नगर के रकबे में जमीन है। चौथी कंपनी आदेश एग्री फार्म एलएलपी नाम से है। इस कंपनी की जमीन सिहाली मेव, सीकरी खादर, तिगरी और हाशमपुर खादर के रकबे में है।
शनिवार को मुंबई इनकम टैक्स की डिप्टी कमिश्नर कनिका नरूला के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम थाने से पुलिस बल लेकर गंगा पार जंगल में पहुंची। उन्होंने स्थानीय लेखपाल बुलाए। लेखपालों ने इन कंपनी के नाम अलग-अलग गाटा संख्या में भूमि को चिह्नित किया।
नाप कराई तो यह 15 सौ बीघे निकली। जिसे अपने अधीन कर लिया। टीम का कहना है कि यह बेनामी संपत्ति मुंबई के ऑन लाइन सट्टा किंग रमेश चौरसिया की है।