Agra IT Raid
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हरमिलाप ट्रेडर्स के रामनाथ डंग के घर पर मिले 53 करोड़ रुपये नोटों की गड्डियां देखकर आयकर अधिकारी हैरान हैं। जीएसटी और नोटबंदी के बाद इतनी नकदी आखिर कैसे और क्यों जमा की गई, इसका जवाब रामनाथ डंग ने दिया है। उन्होंने आयकर अफसर को बताया कि पर्ची सिस्टम में शनिवार को भुगतान का दिन होता है। उसी के लिए नकदी इकट्ठा की गई थी, लेकिन
आयकर विभाग ने छापा मार दिया।
बताया गया कि हींग की मंडी के जूता कारोबारियों में पर्ची सिस्टम चलता है। जूता कारोबारियों के बीच पर्ची सिस्टम सबसे भरोसेमंद और पुराना है। यह एक प्रकार का समानांतर चेक है जो कारोबारी माल की प्राप्ति के एवज में देते हैं। इसमें भुगतान की अवधि लिखी होती है। पर्ची लेने वाले को दलालों के जरिये इन पर्चियों के खरीदार मिल जाते हैं।
दलालों के जरिये इन पर्चियों के खरीदार मिल जाते हैं। पर्ची जारी करने वाले की साख एवं पर्ची विक्रेता की जरूरत के मुताबिक छूट तय होती है। जिस पर्ची का भुगतान 120 दिन बाद होना था, वह तुरंत मिल जाता है। ज्यादातर जूता उत्पादक और रॉ मैटेरियल व्यापारी इन पर्चियों को भुनाने के लिए हर शनिवार आते थे। शनिवार को ही जूता कारखानेदार अपने कर्मचारियों को भी भुगतान करते हैं।
चुनाव के कारण रुका था भुगतान
लोकसभा चुनाव में आगरा में 7 मई को मतदान के कारण वाहनों की चेकिंग रही थी। नकदी ले जाने वालों की जांच के डर से शनिवार को भुगतान टल रहे थे। मतदान समाप्त हुआ तो नकदी ले जाना शुरू हो गया। इस शनिवार को एक माह से ज्यादा पुछनी पर्चियों वाले भुगतान लेने आने वाले थे। करीब 4 हजार से ज्यादा व्यापारियों की पर्चियां रामनाथ डंग के पास मिली हैं।