मतदान का उत्साह…
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राजधानी में लोकसभा चुनाव के मतों की गणना के लिए दो दिन का समय शेष है। मौजूदा समय में राजनीतिक दल, उम्मीदवार और मतदाता मत फीसदी के हिसाब से उम्मीदवारों की हार-जीत का गणित लगा रहे हैं। बीते लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार दिल्ली में 1.91 फीसदी मतदान कम हुआ है। इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही है। ऐसे में बीते चुनाव के मत फीसदी से इस बार की तुलना सभी उम्मीदवार अलग-अलग तरह से कर रहे हैं। प्रस्तुत है अमर उजाला संवाददाता धनंजय मिश्रा की रिपोर्ट…
उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट
उत्तर पूर्वी सीट पर बीते लोकसभा के मतदान की तुलना में इस बार मत प्रतिशत में 0.79 प्रतिशत की कमी आई है। बीते चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार मनोज तिवारी ने यहां से 3.66 लाख मतों से जीत दर्ज की थी। इस जीत में सबसे बड़ी भूमिका बुराड़ी विधानसभा की थी जहां से इन्हें 1.03 लाख से अधिक की बढ़त मिली थी। घोंडा व करावल नगर विधानसभा में भी बढ़त थी। भाजपा के लिए कमजोर समझे जाने वाले मुस्लिम बहुल सीलमपुर, बाबरपुर और मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र में पिछली बार की तुलना में एक से चार प्रतिशत अधिक वोट पड़े हैं।
पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट
इस सीट पर बीते चुनाव की तुलना में 2.13 प्रतिशत कम मतदान हुआ। बीते चुनाव में भाजपा सिर्फ ओखला विधानसभा क्षेत्र में पिछड़ी थी। आप व कांग्रेस के बीच मतों का बंटवारा नहीं होने से गठबंधन को इस क्षेत्र में बड़ी बढ़त मिलने की उम्मीद है, लेकिन यहां पिछली बार की तुलना में दो प्रतिशत वोट कम पड़े हैं। इस सीट के पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, विश्वासनगर, त्रिलोकपुरी विधानसभा में भाजपा को काफी समर्थन मिलता रहा है। इन विधानसभा क्षेत्रों में इस बार बीते चुनाव की तुलना में एक से पांच प्रतिशत तक कम मतदान हुआ है।
उत्तर पश्चिमी सीट
बीते चुनाव की तुलना में इस बार 1.11 फीसदी कम मतदान हुआ है। बीते चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार हंस राज हंस को 5.53 लाख के अंतर से बड़ी जीत मिली थी। कुल पड़े वोट में से पार्टी 60.49 प्रतिशत अपने पाले में करने में सफल रही थी। इस बार भाजपा ने यहां से अपना उम्मीदवार बदला है। यहां पर अधिकतर विधानसभा सीटें ग्रामीण क्षेत्रों की आती हैं यहां भाजपा को समर्थन मिलता रहा है।
पश्चिमी दिल्ली सीट इस सीट पर बीते चुनाव में भाजपा को सबसे बड़ी जीत मिली थी। यहां पर 60.78 फीसदी मत भाजपा को मिले थे और 5.78 लाख के अंतर से जीत मिली थी। मटियाला विधानसभा में पार्टी को एक लाख से अधिक मतों से बढ़त मिली थी। इस बार भी यहां बीते चुनाव की तरह की मतदान हुआ है। वहीं, सिख बहुल तिलक नगर क्षेत्र में इस बार लगभग चार प्रतिशत कम मतदान हुआ है।
चांदनी चौक सीट
बीते चुनाव की तुलना में इस बार 4.08 प्रतिशत कम मतदान हुआ है। बीते चुनाव में भाजपा ने इस सीट के मटियामहल, बल्लमरान और चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र में पिछड़ने के बाद भी 2.28 लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की थी। चांदनी चौक व बल्लीमरान में तीन से छह प्रतिशत कम मतदान हुआ है। वहीं शकूरबस्ती, शालीमार बाग, आदर्श नगर, माडल टाउन जैसे विधानसभा क्षेत्रों में तीन से पांच प्रतिशत कम मत पड़े हैं।
नई दिल्ली सीट
इस सीट पर बीते चुनाव की तुलना में 1.44% की कमी आई है। बीते चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर 2.56 लाख के अंतर से जीत दर्ज की थी। यहां के सभी विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी को बढ़त मिली थी। पार्टी को ग्रेटर कैलाश, पटेल नगर व मोतीनगर में बड़ी बढ़त मिली थी। इस बार इन क्षेत्रों में एक से 5% तक कम मत मिले हैं। दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद भी इस सीट पर बसपा के टिकट पर मैदान में हैं। दिल्ली कैंट विधानसभा में इस बार लगभग 14% अधिक मत पड़े हैं। यहां से पिछली बार भाजपा को 12 हजार से अधिक की बढ़त मिली थी। आप उम्मीदवार सोमनाथ भारती मालवीय नगर के विधायक हैं। उनके क्षेत्र में मतदान फीसद में बीते चुनाव की तुलना में इस बार 4% से अधिक की कमी हुई है।
दक्षिणी दिल्ली सीट
इस सीट पर बीते चुनाव की तुलना में 2.25 फीसदी कम मतदान हुआ है। बीते चुनाव में भाजपा को इस सीट पर 3.67 लाख के अंतर से जीत मिली थी। इस बार भाजपा ने उम्मीदवार बदला है। बीते चुनाव में इस सीट की बदरपुर विधानसभा में 70 हजार से अधिक मतों की बढ़त मिली थी। इस सीट से विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी उम्मीदवार हैं। यहां पिछली बार की तरह ही मतदान हुआ है।