UP Exit Polls Result 2024 : वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बरेली सहित मंडल की पांच सीटों पर 5-0 से क्लीन स्वीप करने वाली भाजपा इस बार कई सीटों पर करीबी मुकाबले में फंसी हुई है। वहीं, सपा को इस बार फायदा होता दिख रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो पिछले चुनाव का 5-0 का स्कोर इस बार 3-2 तक सिमट सकता है। सत्ता विरोधी लहर के साथ ही तीन सीटों पर प्रत्याशी बदलने की वजह से भी भाजपा मुश्किल में नजर आ रही है। कांग्रेस का साथ, मुस्लिमों का भरोसा और दलित मतों में संभावित बिखराव को सपा फायदे की नजर से देख रही है। कुछ सीटों पर स्थानीय मुद्दे भी हावी रहे। पेश है सातों सीटों पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नफा-नुकसान का आकलन करती रिपोर्ट…।
बरेली: दलित वोटरों के सहारे भाजपा को जीत की उम्मीद
बरेली सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा-सपा प्रत्याशियों के बीच है। दोनों प्रतिद्वंदी दल अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं। बसपा प्रत्याशी के मैदान से हटने की स्थिति में दलित वोटरों का रुख यहां हार-जीत तय करेगा। तीसरे चरण में बरेली में मतदान हुआ था। यहां भाजपा से संतोष गंगवार का टिकट कटने की वजह से कुर्मी वोटरों में नाराजगी की बात कही जा रही थी लेकिन कुर्मी बिरादरी से ही जुड़े नए प्रत्याशी छत्रपाल गंगवार ने इस गुस्से को लगभग खत्म कर दिया। भाजपा ने सभी वर्गों का वोट मिलने और दलित वोटरों को अपना मानकर जीत का दावा किया है।
वहीं, सपा प्रत्याशी प्रवीण सिंह ऐरन का दावा है कि बसपा का परंपरागत वोट भाजपा की नीतियों से आहत होकर सपा के साथ आया है। भाजपा का सामान्य वर्ग का वोट भी काफी हद तक उन्हें मिला है। उनकी जीत तय है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो दलित मतों के सहारे भाजपा यहां एक बार फिर विजय का परचम लहरा सकती है।
आंवला: भाजपा-सपा में टक्कर, कम अंतर से होगी हार-जीत
आंवला लोकसभा सीट पर यूं तो बसपा के आबिद अली ने भी जोरशोर से चुनाव लड़ा है लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी धर्मेंद्र कश्यप और सपा के नीरज मौर्य के बीच माना जा रहा है। दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। चुनावी जानकार बता रहे हैं कि इस बार जीत-हार बेहद कम अंतर से ही होगी। क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी को एक वर्ग विशेष का विरोधी बताकर प्रचारित किया गया। उनके एक वीडियो बयान में उछाले गए जुमले को आधार बनाकर विरोधियों ने जो जाल बिछाया।
बताया जा रहा है कि वह अपनी रणनीति में काफी हद तक कामयाब रहे हैं। हालांकि, धर्मेंद्र पिछला चुनाव रिकॉर्ड वोटों से जीत चुके हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि जीत भाजपा की होगी। सपा प्रत्याशी नीरज मौर्य और उनके समर्थक हर जाति व धर्म का वोट मिलने का दावा कर अपनी जीत पक्की मान रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक यहां मुकाबला दिलचस्प होगा। भाजपा को जहां सवर्ण मतदाताओं की नाराजगी से नुकसान हो रहा है, वहीं बाहरी प्रत्याशी होने की वजह से सपा भी बढ़त बनाने में नाकाम रही।
पीलीभीत: सपा-भाजपा में कांटे की टक्कर का अनुमान
पीलीभीत संसदीय सीट पर मतदाताओं के दावे के मुताबिक सपा और भाजपा में कांटे की टक्कर होने का अनुमान है। शहर से लेकर देहात तक, किसान, नौजवान, बुजुर्ग, किसान व महिलाएं सभी को चार जून का बेसब्री से इंतजार है। पीलीभीत जिले में करीब 18 लाख मतदाता हैं। शहरी क्षेत्र की बात की जाए तो यहां सीधी टक्कर भाजपा प्रत्याशी जितिन प्रसाद और सपा के भगवत सरन गंगवार के बीच बताई जा रही है। वहीं, बीसलपुर में मामला त्रिकोणीय है।
बसपा ने इस बार सपा के मुस्लिम मतों में सेंध लगा दी है। हालांकि, सपा को भी अच्छे वोट मिलने की उम्मीद है। यहां भाजपा को प्रत्याशी बदलने से भी नुकसान होता दिख रहा है। हालांकि, सदर, बरखेड़ा, पूरनपुर विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा के जितिन प्रसाद को निर्णायक बढ़त मिल सकती है। राजनीतिक विश्लेषक दलित मतों में भाजपा की सेंधमारी की संभावना जताते हुए बसपा प्रत्याशी फूल बाबू को नुकसान होने की बात कह रहे हैं।
शाहजहांपुर: भाजपा की राह आसान, सपा-बसपा को चमत्कार की आस
सपा की अंदरूनी खींचतान और ऐन मौके पर प्रत्याशी बदले जाने से शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर भाजपा के लिए जीत की राह आसान दिख रही है। भाजपा प्रत्याशी अरुण सागर ने वर्ष 2019 में बसपा प्रत्याशी अमरचंद जौहर को 2,68,318 वोटों से हराया था। पिछली बार से जीत का अंतर बढ़ेगा या कम होगा, इसको लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस से गठबंधन के बावजूद सपा प्रत्याशी को जीत के लिए बड़े उलटफेर का सहारा है। वहीं, बसपा का खाता इस बार भी खुलने की संभावना क्षीण है।
ददरौल विधानसभा के उपचुनाव का परिणाम दिलचस्प होगा। सपा प्रत्याशी अवधेश वर्मा ने भाजपा के अरविंद सिंह को कड़ी टक्कर दी है। भाजपा प्रत्याशी अरुण सागर ने सीट जीतने के साथ ही प्रचंड बहुमत से सरकार बनने का दावा किया है। सपा प्रत्याशी ज्योत्सना गौंड ने बताया कि उनका चुनाव खुद जनता ने लड़ा है। एग्जिट पोल कुछ भी दिखाए लेकिन सपा बड़े अंतर से जीतेगी। वहीं बसपा प्रत्याशी डॉ. दोदराम वर्मा एग्जिट पोल को नकारते हुए बसपा की जीत सुनिश्चित मानते हैं।