दिल्ली में आम आदमी पार्टी अकेले लड़ेगी चुनाव
– फोटो : एएनआई
विस्तार
दिल्ली में विधायकों के साथ बैठक के बाद आम आदमी पार्टी ने बड़ा फैसला लिया है। पार्टी ने बयान जारी कर कहा, आप दिल्ली में विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए था। बता दें कि आज (गुरुवार) को पार्टी ने अपने सभी विधायकों को मुख्यमंत्री आवास पर मीटिंग के लिए बुलाया था। मौजूदा समय में 70 विधानसभा सीटों पर आप के 62 विधायक हैं।
भाजपा का विधानसभा चुनाव में होगा सफाया
आम आदमी पार्टी ने भाजपा अध्यक्ष के बयान पर निशाना साधा। आप नेताओं का कहना है कि पार्टी जाति या धर्म में निहित किसी भी राजनीति की कड़ी निंदा करती है। हम समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं जिससे सभी को लाभ हो। केंद्र सरकार गरीब विरोधी है। लोकसभा चुनाव के परिणाम ने भाजपा की विफलता को उजागर किया है। भाजपा सरकार ने गरीबों की संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया। हम इस देश के लोगों के आभारी हैं कि उन्होंने भाजपा को करारा जवाब दिया। भाजपा अब आरक्षण को खत्म करने के लिए संविधान में संशोधन नहीं कर सकेगी।
वहीं दिल्ली में लोकसभा चुनाव की बात करें तो आप का वोट शेयर 2014 और 2019 के चुनावों की तुलना में काफी बढ़ा है। दिल्ली के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में जहां केंद्र सरकार के कर्मचारी रहते हैं, उन्होंने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में आप के पक्ष में और भाजपा के खिलाफ भारी मतदान किया है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के मजबूत प्रदर्शन के बावजूद भाजपा 2015 के विधानसभा चुनावों में सिर्फ तीन सीटों पर सिमट गए और 2020 में 8 सीटों पर सिमट गए। इस बार लोकसभा में आप का वोट शेयर बढ़ा है। ऐसे में इस बार विधानसभा चुनावों में भाजपा का सफाया हो जाएगा।