UP Chunav Results 2024
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नौ फरवरी 2024…पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने के बाद रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने इंडिया गठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए का दामन थाम लिया। प्रतिक्रिया दी…दिल जीत लिया। पलटवार आया…दल जीत लिया। इस सारी कवायद के बाद परिणाम आए तो जाटलैंड में रालोद का दस साल का सूखा खत्म हो गया।
रालोद को संजीवनी मिली, पर भाजपा को बड़ा झटका लगा। पश्चिमी उप्र को जाट, मुस्लिम, दलित और ओबीसी बाहुल्य माना जाता है। यहां लोकसभा की कुल 27 सीटें हैं, जिन पर रालोद का प्रभाव रहा है । वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा ने इनमें से 19 सीटों पर जीत हासिल की थी।
आठ सीटों पर सपा, बसपा, रालोद महागठबंधन जीता। चार सपा और चार सीटें बसपा के खाते में आई थी, पर रालोद का खाता ही नहीं खुला। बागपत से चौधरी जयंत हारे तो मुजफ्फरनगर से उनके पिता चौधरी अजित सिंह को हार का सामना करना पड़ा।
सत्ता के खिलाफ किसानों के विरोध और तमाम मुद्दों के बावजूद रालोद चुनावी दंगल में चारों खाने चित हो गया। इससे पहले के लोकसभा चुनाव 2014 में भी रालोद का खाता नहीं खुल पाया था। रालोद ने वर्ष 2014 व 2019 के आम चुनाव में कुल 11 सीटों पर चुनाव लड़ा।