कांग्रेस नेता राहुल गांधी।
– फोटो : amarujala.com
विस्तार
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी सामाजिक न्याय के मुद्दे को निरंतर धार देगी। जातीय जनगणना और आरक्षण बचाने के अभियान को तेज किया जाएगा। लोकसभा चुनाव में जहां खामियां मिली हैं, उनसे सबक लेते हुए बूथवार नए सिरे से रणनीति बनाई जाएगी। इसे अमलीजामा पहनाने की कवायद रविवार से शुरू कर दी गई है। इस एजेंडे को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग और अल्पसंख्यक विभाग को सौंपी गई है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जातीय जनगणना और आरक्षण पर तथाकथित खतरे, रोजगार आदि के मुद्दे को पुख्ता तौर पर उठाया। पार्टी की ओर से निरंतर सामाजिक सद्भाव सम्मेलन और दलित संवाद कार्यक्रम चलाया गया। इसका परिणाम रहा कि लोकसभा में पार्टी को एक से बढ़कर छह सांसदों का तोहफा मिला। दो दिन पहले पार्टी के राजनीतिक मामलों की बैठक में संविधान की रक्षा के संघर्ष का संकल्प दोहराया गया।
ये भी पढ़ें – मोदी 3.0: सरकार में पीएम समेत यूपी से 11 मंत्री, मोदी-2 के मुकाबले घटी मंत्रिमंडल में राज्य की हिस्सेदारी
ये भी पढ़ें – कांग्रेस के किशोरी लाल ने तोड़ा राजीव गांधी का ये रिकॉर्ड, महज 32 दिन में ही कर दिया ये काम
जातीय जनगणना और ओबीसी जातियों की भागीदारी आबादी के अनुपात में करने, किसानों की सब्सिडी बहाल करने आदि मुद्दे शामिल थे। यहां पारित प्रस्ताव को केंद्रीय कमेटी को भी भेजा गया है। साथ ही यह भी तय किया गया कि पार्टी इन मुद्दों को लगातार उठाती रहेगी। इसकी जिम्मेदारी पिछड़ा वर्ग विभाग और अल्पसंख्यक विभाग को सौंपी गई। इसी के तहत रविवार को प्रदेश कार्यालय में पिछड़ा वर्ग विभाग और अल्पसंख्यक विभाग की संयुक्त मंथन बैठक हुई। इसमें सामाजिक न्याय एजेंडा के मुद्दे को निरंतर लोगों के बीच में गरमाए रखने पर मंथन किया गया।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मनोज यादव का कहना है कि उत्तर प्रदेश में यह साबित हो गया है कि पिछड़ों की किसी भी कीमत पर अनदेखी नहीं हो सकती है। पिछड़े वर्ग के लोग जिस दल के साथ एकजुट होंगे, उसी को जनमत मिलना तय है। ऐसे में हम इनके साथ निरंतर जुड़े रहेंगे। पिछड़े वर्ग की समस्याएं गांव- गांव से जुटाई जाएंगी और उनके समाधान के लिए संघर्ष किया जाएगा। यह अभियान 2027 तक निरंतर चलता रहेगा।
लड़ाई नहीं, संविधान में मिले अधिकार का प्रयोग
अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम का कहना है कि अल्पसंख्यकों ने इस चुनाव में किसी तरह की लड़ाई करने के बजाय अपने अधिकार का प्रयोग किया। एकजुट होकर वोट की ताकत से सांप्रदायिकता का जहर फैलाने वालों और समाज को बांटने वालों का मुकाबला किया। नतीजा सामने हैं। अब उनके हक की लड़ाई सड़क से सदन तक हो सकेगी। क्योंकि समाज से मोहब्बत करने वाले लोग सदन में पहुंचे हैं। यह कारवां निरंतर जारी रहेगी।