UP Chunav Result 2024
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चुनाव बीत गया। करारी हार से भाजपा उबल रही है। उसे आस्तीन के सांपों की तलाश है। गद्दारों की तलाश है। जो हारे वो चीख-चीखकर कह रहे हैं, मेरी पीठ में अपनों ने खंजर घोंपा। तो पीछे वो सांसद भी नहीं, जो कम मार्जिन से जीते। उन्होंने भी आस्तीन के सांपों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
कुल मिलाकर हार पर रार मची हुई है। अब तक 12 से अधिक प्रत्याशियों ने पार्टी हाईकमान को रिपोर्ट भेजी है। ये रिपोर्टें भितरघात के आघात से रंगी हुई हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा को आश्चर्यजनक तौर से करीब-करीब आधी सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है। सात केंद्रीय मंत्रियों तक को हार का सामना करना पड़ा है।
अब तक की पड़ताल में यही सामने आया है कि टिकट वितरण की खामियों की वजह से ही भाजपा की ऐसी गति हुई। तमाम ऐसे सांसद हैं, जिनके खिलाफ माहौल को देखते हुए स्थानीय कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने उनको टिकट नहीं देने की गुजारिश की थी, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज कर प्रत्याशी थोप दिए गए। लिहाजा नाराज पार्टी कार्यकर्ता भी घर बैठ गए, जिसका परिणाम सामने है।
देखा जाए तो टिकट बंटवारे को लेकर ही कई सीटों पर भितरघात की आग सुलगने लगी थी, लेकिन प्रदेश संगठन इसे दबाता रहा। यह बात ऊपर पहुंचाने के बजाय भितरघात की बात को नकारा जाता रहा। लिहाजा इसका ‘साइड इफेक्ट’ अब सामने आ रहा है। पार्टी का प्रदेश संगठन अंदर ही अंदर उबल रहा है। जिन बड़े चेहरों को हार मिली है, उन्होंने भी पार्टी नेताओं पर हार का ठीकरा फोड़ना शुरू कर दिया है।