डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी
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गुंटूर लोकसभा सीट से तेलुगु देशम पार्टी के डॉ चंद्र शेखर पेम्मासानी मोदी सरकार 3.0 के सबसे अमीर मंत्री हैं। रविवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने टीडीपी कोटे से राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। पेशे से डॉक्टर चंद्र शेखर अपने चुनावी हलफनामे में 5,785 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति घोषित करके सुर्खियों में आए थे। डॉ. चंद्र शेखर ने अपने चुनावी हलफनामे में 5,785 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति घोषित थी, वे साल संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में सबसे धनी प्रत्याशियों में से एक थे। अब उन्हें मोदी सरकार के मंत्रिपरिषद में राज्य मंत्री के रूप में जगह मिल गई। उनके द्वारा दायर हलफनामे के अनुसार, उनकी व्यक्तिगत संपत्ति 2,448.72 करोड़ रुपये है। उनकी पत्नी श्रीरत्ना कोनेरू के पास 2,343.78 करोड़ रुपये और बच्चों के पास लगभग 1,000 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
चंद्र शेखर के पास रोल्स रॉयस घोस्ट, मर्सिडीज बेंज और टेस्ला जैसी गाड़ियां
चंद्र शेखर के परिवार पर ऋण सुविधा के रूप में अमेरिका के जेपी मॉर्गन चेस बैंक की 1,138 करोड़ रुपये की देनदारी है। आंध्र प्रदेश के बुर्रिपालेम गांव से अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय- सिनाई अस्पताल में चिकित्सक शिक्षक के रूप में काम करने से लेकर यूवर्ल्ड (ऑनलाइन शिक्षण और अध्ययन संसाधन मंच) की स्थापना तक चंद्र शेखर का सफर काफी रोमांचक रहा है। चंद्र शेखर ने अमेरिका स्थित कई कंपनियों में निवेश किया है और उनके पास इनके शेयर हैं। उनके पास अमेरिका में रोल्स रॉयस घोस्ट, मर्सिडीज बेंज और टेस्ला जैसी लग्जरी कारें भी हैं।
3 लाख 44 हजार वोटों से जीते चंद्र शेखर
डॉ चंद्र शेखर पेम्मासानी ने आंध्र प्रदेश के गुंटूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में टीडीपी का प्रतिनिधित्व करते हुए 344,695 मतों के साथ जीत हासिल की। पेम्मासानी ने गल्ला जयदेव का स्थान लिया, जिन्होंने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जनवरी 2024 में राजनीति से संन्यास की घोषणा की थी। इस बार चुनाव में चुनाव में चंद्र शेखर ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के के वेंकट रोसैया को 3 लाख 40 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है।
1999 में एनटीआर यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज विजयवाड़ा से किया एमबीबीएस
डॉक्टर से उद्यमी फिर नेता बने चंद्र शेखर ने 1999 में एनटीआर यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज विजयवाड़ा से एमबीबीएस किया और 2005 में डेनविले, पेंसिल्वेनिया में गेइज़िंगर मेडिकल सेंटर से एमडी (आंतरिक चिकित्सा) की उपाधि ली। उन्होंने अपने राज्य में ईएएमसीईटी मेडिकल प्रवेश परीक्षा (एमबीबीएस) देने वाले 60,000 छात्रों के बीच 27वीं रैंक हासिल की, जिसे देश में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षा माना जाता था।
सार्वजनिक सेवा में रुचि रखने वाले चंद्र शेखर, तेलगु देशम पार्टी के कई कल्याणकारी कार्यक्रमों का समर्थन करने के लिए 2010 से तेदेपा की एनआरआई विंग की ओर से काम कर रहे थे। हालांकि वह 2014 में नरसरावपेट क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन तेदेपा ने राजनीतिक मुद्दों के कारण आर संबाशिव राव को टिकट दे दिया था।
2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे अमीर प्रत्याशी थे चंद्र शेखर
चौथे चरण में सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने वाले उम्मीदवार चंद्र शेखर पेम्मासानी ही थे। आंध्र प्रदेश के गुंटूर से टीडीपी प्रत्याशी ने कुल 5705 करोड़ की संपत्ति घोषित की थी। इस मामले में दूसरे स्थान पर भाजपा के कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी थे। तेलंगाना की चेवल्ला सीट से चुनाव लड़ रहे रेड्डी ने अपने हलफनामे में 4568 करोड़ की दौलत बताई थी। तीसरे सबसे धनी प्रत्याशी टीडीपी के प्रभाकर रेड्डी वेमीरेड्डी थे। आंध्र प्रदेश की नेल्लोर सीट से चुनाव लड़ रहे प्रभाकर की संपत्ति 716 करोड़ थी। उधर इस बार के चुनाव में 24 उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति शून्य घोषित की थी। वहीं, तीन उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति क्रमश सात रुपये, 83 रुपये और 90 रुपये बताई थी।
टीडीपी के एनआरआई सेल में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं चंद्र शेखर
आंध्र प्रदेश में गुंटूर के बुर्रिपलेम गांव में जन्मे चंद्र शेखर पेम्मासानी ने उस्मानिया विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी-सिनाई अस्पताल में एक डॉक्टर के रूप में लगभग 5 सालों तक काम किया है, इस दौरान उन्होंने यहां स्थानीय लोगों और मेडिकल छात्रों को पढ़ाया। 48 साल के पेम्मासानी एक ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म यूवर्ल्ड के संस्थापक और सीईओ हैं। पेम्मासानी टीडीपी की एनआरआई सेल में लंबे समय तक सक्रिय रहे हैं और अमेरिका में रहने के दौरान पार्टी के कार्यक्रमों का आयोजन भी किया है।
अमेरिका में अर्न्स्ट एंड यंग अवार्ड जीता
चंद्र शेखर पेम्मासानी ने 2020 में अमेरिका में एक युवा उद्यमी के रूप में अर्न्स्ट एंड यंग अवार्ड जीता। उन्होंने पेम्मासानी फाउंडेशन की भी स्थापना की है। यह फाउंडेशन गुंटूर और नरसरावपेट के गांवों में लोगों के लिए स्वास्थ्य शिविरों और पीने का पानी उपलब्ध करवाता है। जिसके कारण क्षेत्र में जनता के बीच उनकी लोकप्रियता है।