गाजा पट्टी में इस्राइली सैन्य अभियानों की अभूतपूर्व वृद्धि पर ब्रिक्स देशों ने सोमवार को गंभीर चिंता व्यक्त की। साथ ही संयुक्त राष्ट्र में फलस्तीन की पूर्ण सदस्यता के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की।
रूस के निजनी नोवगोरोड में एक बैठक हुई। इस बैठक में विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। बैठक में ब्रिक्स विदेश मंत्रियों ने अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर फलस्तीन मुद्दे के दो-राज्य समाधान के दृष्टिकोण के प्रति समूह की अटूट प्रतिबद्धता दोहराई।
बैठक के अंत में जारी संयुक्त बयान में मंत्रियों ने कब्जे वाले फलस्तीन क्षेत्र में स्थिति की गिरावट पर गंभीर चिंता व्यक्त की। इस्राइली सैन्य अभियान के परिणामस्वरूप गाजा पट्टी में हिंसा की अभूतपूर्व वृद्धि से हताहत हुए, जिसके कारण बड़े पैमाने पर नागरिक विस्थापन और मृत्यु हुई हैं।
ब्रिक्स में ये देश शामिल
बता दें कि ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, इथोपिया, ईरान, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। ब्रिक्स समूह के मूल सदस्यों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का संक्षिप्त रूप है।
विदेश मंत्रियों ने बिना शर्त बंधकों की रिहाई का आह्वान किया
बैठक के दौरान समूह ने गाजा पट्टी में फलस्तीन नागरिक आबादी को मानवीय सहायता की तत्काल, सुरक्षित और निर्बाध डिलीवरी का भी आह्वान किया। साथ ही युद्धविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2728 के प्रभावी कार्यान्वयन पर भी दबाव डाला। विदेश मंत्रियों ने समान रूप से उन सभी बंधकों और नागरिकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई का आह्वान किया, जिन्हें अवैध रूप से बंदी बनाया गया है।
पिछले महीने राफा में इस्राइली हवाई हमले में 45 लोग मारे गए थे
बता दें कि पिछले महीने राफा में विस्थापित लोगों के एक शिविर पर इस्राइली हवाई हमले में 45 लोग मारे गए थे, जिससे बड़े पैमाने पर वैश्विक आक्रोश फैल गया था। विदेश मंत्रियों ने फलस्तीनी लोगों को उनकी भूमि से बलपूर्वक विस्थापित करने, निष्कासित करने या स्थानांतरित करने के किसी भी प्रयास को अस्वीकार करने की भी पुष्टि की। इसके अलावा, मंत्रियों ने इस्राइल द्वारा अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों और अदालत के आदेशों की लगातार घोर अवहेलना पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
इस्राइली हमले में गाजा में मारे गए 35000 से अधिक लोग
बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास ने इस्राइली शहरों पर हमला किया था। इन हमलों में इस्राइल में लगभग 1200 लोग मारे गए थे और 220 से अधिक लोगों का अपहरण किया गया था। हालांकि, इनमें से कुछ को संक्षिप्त युद्धविराम के बाद रिहा कर दिया था। हमास के इन हमलों के प्रतिशोध में इस्राइल ने गाजा में अपना सैन्य आक्रमण जारी रखा है। इससे इस्राइली हमले में गाजा में 35000 से अधिक लोग मारे गए हैं।