कोर्ट में सुनवाई।
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उत्तर प्रदेश के आगरा में दीवानी में सोमवार को एसीजेएम अचल प्रताप सिंह की अदालत में अपने जमानत प्रार्थनापत्र की सुनवाई में पहुंचे मुल्जिम ने कहा कि साहब मुझे जमानत नहीं चाहिए। मैं जेल में ही रहना चाहता हूं। अगर मुझे जमानत मिल गई तो हाथरस पुलिस एनकाउंटर कर देगी। हाथरस पुलिस मेरे घरवालों को बंधक बनाए हुए है।
सोमवार को आगरा जेल में निरुद्ध विनय वर्मा उर्फ बिल्लू वर्मा को आज कोर्ट में तलब किया गया था। उसके भाई ने जमानत प्रार्थनापत्र अदालत में पेश किया था। दीवानी की हवालात में हाथरस पुलिस के साथ अपने भाई को देखकर विनय वर्मा बुरी तरह घबरा गया। वह चीखने लगा। उसने अधिवक्ताओं से गुहार लगाई। इसके बाद उसे एसीएजेम की अदालत में पेश किया गया।
उसने अदालत में बयान दिया कि हाथरस पुलिस मेरे भाई और मां को 7-8 दिन से अवैध हिरासत में लिए हुए है। पिटाई कर भाई का हाथ भी तोड़ दिया है। मेरी जमानत का प्रार्थनापत्र आपकी कोर्ट में भी प्रस्तुत करा दिया है। लेकिन, मैं अपनी जमानत नहीं कराना चाहता हूं। क्योंकि जेल से बाहर निकलने पर पुलिस मेरा एनकाउंटर कर सकती है।
जज ने बयान के बाद आरोपी के जमानत प्रार्थनापत्र को खारिज कर दिया। आरोपी के अधिवक्ताओं ने भी उसकी जमानत का विरोध किया। विनय वर्मा पर वर्ष 2019 का थाना हरीपर्वत में चौथ वसूली का मामला विचाराधीन है। इस मामले में विनय के विरुद्ध सन 2023 से गिरफ्तारी वारंट जारी थे।
आरोपी के अधिवक्ताओं ने विनय वर्मा को वारंट पर 6 जून 24 को सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कराया था। अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने बताया कि हाथरस पुलिस विनय वर्मा की जमानत कराकर उसको अपनी कस्टडी में लेना चाहती थी। लेकिन, अधिवक्ताओं की पैरवी के चलते आरोपी को जमानत नहीं मिल सकी।