लखनऊ। सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के तत्वावधान में आज पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल की जन्म जयंती पर काकोरी शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस कार्यक्रम में सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने बोलते हुए कहा कि आज जब हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं तो इसके पीछे क्रांतिकारियों के बलिदान की एक लंबी श्रृंखला है। पंडित राम प्रसाद बिस्मिल हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी के कमांडर इन चीफ थे। उनके नेतृत्व में काकोरी में इसी स्थान पर ब्रिटिश सरकार का खजाना लूटकर क्रांतिकारियों ने बरतानिया हुकूमत को सीधी चुनौती दी थी।
उन्होंने कहा काकोरी क्रांति एक ऐसी घटना है जिसमें किसी की हत्या नहीं की गई फिर भी पांच लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई। पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र लहरी और ठाकुर रोशन सिंह को फांसी दी गई। जबकि चंद्रशेखर आजाद को गिरफ्तार नहीं किया जा सका और वे प्रयागराज में ब्रिटिश पुलिस के साथ सम्मुख युद्ध में शहीद हुए। उन्होंने कहा कि पंडित राम प्रसाद बिस्मिल ने फांसी के तख्त पर जब अपनी अंतिम इच्छा बताई कि मेरी अंतिम इच्छा यह है कि ब्रिटिश राज्य का नाश हो तो पूरी ब्रिटिश हुकूमत थर्रा उठी थी।आज ऐसे महान क्रांतिकारी का जन्मदिन है।
इस अवसर पर संरक्षण समिति की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रीना त्रिपाठी ने कार्यक्रम का संचालन किया और काकोरी शहीद स्मारक पर सभी शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। श्रद्धा सुमन कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्थानीय निवासी मुन्नीलाल राजपूत, अखिलेश द्विवेदी एवं काकोरी के आम नागरिक उपस्थित थे।