– फोटो : प्रतीकात्मक
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राज्य सरकार आजमगढ़ में 39 करोड़ रुपये की लागत से बन रही फॉरेंसिक लैब तथा हाथरस में 146 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन जेल का काम तेज करने जा रही है। योजना विभाग की टेक्निकल सेल द्वारा इन कार्यों को पूरा करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सल्टेंट (पीएमसी) एजेंसी के निर्धारण के प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सभी निर्माण कार्य इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट व कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) माध्यम से पूर्ण किए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया की पूर्ति के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरपीएफ) माध्यम से आवेदन मांगे गए हैं।
दोनों ही परियोजनाओं की पूर्ति के लिए नियुक्त होने वाली पीएमसी एजेंसी को कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूर्ण करना होगा। आजमगढ़ में निर्माणाधीन फॉरेंसिक लैब के निर्माण संबंधी आर्किटेक्चरल डिजाइन को कार्यावंटन के उपरांत पीएमसी एजेंसी को 75 दिनों में पूरा करना होगा। इसके बाद सभी निर्माण कार्यों को 18 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। पूरी कार्यावधि के दौरान 36 महीने का डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड निर्धारित किया गया।
इसी प्रकार, हाथरस में निर्माणाधीन नवीन जिला कारागार के लिए कार्यावंटन प्राप्त करने वाली पीएमसी एजेंसी को ये सुनिश्चित करना होगा कि 18 महीनों में सभी निर्माण कार्यों को पूरी गुणवत्ता अनुरूप पूरा कर लिया जाए। इस दौरान पीएमसी एजेंसी को सुपरविजन एजेंसी के तौर पर कार्य करना होगा तथा परियोजना के अंतर्गत 36 महीने का डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड निर्धारित किया गया है। आजमगढ़ में निर्माणाधीन फॉरेंसिक लैब के निर्माण कार्यों को 18 महीने में पूरा कर लिया जाएगा।