अमेरिका और भारत के एनएसए
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भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने की रणनीति पर चर्चा की गई। अमेरिका ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के अंतरिक्ष यात्रियों को जॉनसन स्पेस सेंटर में नासा द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। अमेरिका और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) जेक सुलिवन और अजीत डोभाल के बीच नई दिल्ली में बातचीत हुई।
लूनर गेटवे कार्यक्रम में भागीदारी पर चर्चा
अमेरिका और भारत के एनएसए के बीच बातचीत के बाद जारी किए गए तथ्य पत्र (Fact-Sheet)में कहा गया है कि दोनों पक्ष लूनर गेटवे कार्यक्रम (Lunar Gateway Programme) में भाग लेने के अवसर भी तलाश रहे हैं। लूनर गेटवे प्रोग्राम का लक्ष्य चंद्रमा के चारों ओर एक अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण करना है। दोनों देशों के एनएसए के बीच बातचीत में लूनर गेटवे कार्यक्रम में भारत के शामिल होने के अवसर भी तलाशे गए। इसके साथ अन्य अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में सहयोग के लिए भी विकल्पों पर चर्चा की गई।
अंतरिक्ष सहयोग को मजबूत करने पर जोर
दोनों देशों के एनएसए ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में नासा और इसरो के अंतरिक्ष यात्रियों के बीच पहले संयुक्त प्रयास पर भी चर्चा की। बताया गया है कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भारत और अमेरिका के संयुक्त अंतरिक्ष अन्वेषण में मील का पत्थर साबित होगा। दोनों देशों ने अंतरिक्ष सहयोग को मजबूत करने पर भी जोर दिया। इससे पहले मई में पेंटागन में दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष संवाद आयोजित किया गया था। इस दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता समेत द्विपक्षीय आदान-प्रदान पर चर्चा की गई थी।
सिंथेटिक एपर्चर रडार के प्रक्षेपण की तैयारी
अब दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां नासा और इसरो, सिंथेटिक एपर्चर रडार के प्रक्षेपण की तैयारी कर रहीं हैं। सिंथेटिक एपर्चर रडार संयुक्त रूप से विकसित किया गया एक उपग्रह है। इस उपग्रह को जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने के प्रयासों के तहत तैयार किया गया है। सिंथेटिक एपर्चर रडार 12 दिनों में दो बार पृथ्वी की सतह का नक्शा तैयार करेगा।