महाराज
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
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आमिर खान के लाडले बेटे जुनैद खान की डेब्यू फिल्म ‘महाराज’ रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई। इस कारण गुजरात उच्च न्यायालय ने इसके ओटीटी पर स्ट्रीम होने से ठीक एक दिन पहले रोक लगा दी। हालांकि, यशराज फिल्म्स और नेटफ्लिक्स ने भी हार नहीं मानी और उन्होंने ‘महाराज’ की स्ट्रीमिंग रोकने के गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दे दी। निर्माताओं ने ‘महाराज’ के खिलाफ याचिका की विचारणीयता के साथ-साथ याचिकाकर्ताओं द्वारा अदालत जाने में देरी के भी मुद्दे उठाए हैं। वहीं, अब गुजरात उच्च न्यायालय ने भी मामले की योग्यता पर आगे की सुनवाई करने से पहले बड़ा फैसला किया है।
गुजरात उच्च न्यायालय का बड़ा फैसला
जुनैद खान की पहली फिल्म ‘महाराज’ की रिलीज पर एक और दिन के लिए अस्थायी रोक को जारी रखते हुए, गुजरात उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह यशराज फिल्म्स और नेटफ्लिक्स के सुझावों के बाद फिल्म देखेंगे। बुधवार को, यशराज फिल्म्स की ओर से पेश वरिष्ठ वकील शालिन मेहता और नेटफ्लिक्स का प्रतिनिधित्व करने वाले जल उनवाला ने न्यायमूर्ति संगीता विशेन को सुझाव दिया कि अदालत फिल्म देख सकती है और फिर मामले की खूबियों पर भी विचार कर सकती है।
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हाईकोर्ट के फैसले से याचिकाकर्ताओं को आपत्ति नहीं
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर जोशी ने अदालत को सूचित किया कि अगर अदालत फिल्म देखती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। जोशी ने कहा, ‘हमें फिल्म को रोकने में कोई दिलचस्पी नहीं है… हम केवल इतना चाहते हैं कि नेटफ्लिक्स और वाईआरएफ कृपया यह सुनिश्चित करें कि फिल्म के कंटेंट से धर्म का हनन न हो या धर्म की गरिमा प्रभावित न हो।’ अदालत ने दर्ज किया कि वह न्याय के हित में फिल्म देखेगी जिसके बाद मामले की योग्यता पर सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहने की उम्मीद है।
क्यों उठी ‘महाराज’ की रिलीज रोकने की मांग?
जानकारी हो कि 13 जून को नेटफ्लिक्स पर फिल्म की निर्धारित रिलीज से एक दिन पहले, उच्च न्यायालय ने वैष्णव पुष्टिमार्ग संप्रदाय के कई अनुयायियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के बाद रिलीज पर अंतरिम रोक का आदेश दिया था। याचिकाकर्ताओं ने इस आधार पर ‘महाराज’ की रिलीज पर आपत्ति जताई कि फिल्म के कुछ हिस्सों में निंदनीय और अपमानजनक भाषा है, जो समग्र रूप से पुष्टिमार्गी संप्रदाय को प्रभावित करती है। उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म की रिलीज से संप्रदाय के खिलाफ नफरत और हिंसा की भावनाएं भड़कने की संभावना है, जो सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत आचार संहिता का उल्लंघन होगा।