केरल के वित्त मंत्री के.एन. बालागोपाल ने केंद्र और राज्यों के बीच जीएसटी के बंटवारे की समीक्षा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि साठ फीसदी हिस्सा राज्यों को मिलना चाहिए। जबकि अभी इसे बराबर-बराबर बांटा जा रहा है।
बालागोपाल के कार्यालय ने रविवार को एक बयान जारी किया। बयान के मुताबिक, मंत्री ने शनिवार को नई दिल्ली में हुई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक में कहा कि यह अनुपात अभी 50:50 है और इसे राज्यों के पक्ष में बदलकर 40:60 किया जाना चाहिए।
बैठक के दौरान राज्य के वित्त मंत्री ने कहा कि एकीकृत जीएसटी के संबंध में लिए गए अनुकूल फैसले से केरल को लाभ मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर ई-कॉमर्स कंपनियों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए कारोबार करने के दौरान लगने वाले जीएसटी शुल्क के साथ जीएसटीआर-8 रिटर्न दाखिल करना होता है।
बालागोपाल ने कहा कि बैठक में यह फैसला किया गया कि जीएसटीआर-8 रिटर्न में कर की राशि के साथ ही कर किस राज्य को जाना चाहिए , इसका विवरण भी शामिल किया जाए। यह एक ऐसा महत्वपूर्ण फैसला है जिससे केरल को बहुत लाभ होने की उम्मीद है।
मंत्री ने बताया कि जो लोग अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए केरल में अन्य राज्यों से सामान और सेवाएं बेचते हैं, वे यहां के उपभोक्ताओं से आईजीएसटी एकत्र करते हैं। लेकिन उनके द्वारा जमा किए गए रिटर्न में उपभोक्ता राज्य का जिक्र न होने के कारण केरल को कर में हिस्सेदारी नहीं मिल रही है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए नए फैसले से इसके समाधान में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि केरल ने विभिन्न अध्ययनों के जरिए सामने आए तथ्यों को सूचीबद्ध करके इस मुद्दे का समाधान मांगा था और जीएसटी परिषद ने इसके स्वीकार कर लिया है।
बैठक के दौरान केरल ने स्पष्ट किया कि जीएसटी प्रणाली में जो मुद्दे हैं, वे राज्य को मिलने वाले आईजीएसटी हिस्से में कमी का कारण हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बैठक में बताया कि आईजीएसटी से केंद्रीय राजस्व भी घट रहा है। इसके आधार पर बैठक में यह पता लगाने का फैसला किया गया कि क्या हिस्सेदारी घटने का कारण आईजीएसटी प्रणाली में किसी तरह की चूक है।