पिता की अर्थी को कंधा देती पोती हर्षिता शंकर, बड़ी बेटी रश्मि व बीच में खड़े प्रो. ओम शंकर
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आईएमएस बीएचयू के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. ओमशंकर के पिता कुमर किशोर (77) के निधन के बाद सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। खास बात यह है कि उनकी दो बेटियों और बहू ने जहां परंपराओं से हटकर पिता की अर्थी को कंधा दिया, वहीं हरिश्चंद्र घाट पर मुखाग्नि भी दी। इसमें पोती हर्षिता शंकर ने भी पूरा सहयोग किया। इस दौरान कबीरवाणी का पाठ भी किया गया।
मूल रुप से बिहार के मधेपुरा निवासी प्रो. ओमशंकर बीएचयू परिसर में केंद्रीय विद्यालय के पास जोधपुर कालोनी में रहते हैं। उनके पिता का रविवार की रात बीएचयू अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था। सोमवार की दोपहर में परिसर से शव यात्रा निकली तो उनकी बड़ी बहन रश्मि और छोटी बहन दुर्गेशनंदिनी के साथ ही बहू नम्रता ने अर्थी को कंधा दिया। इसके बाद घाट पर पहुंचकर मुखाग्नि दी।
हरिश्चंद्र घाट पर मुखाग्नि के समय प्रो. ओमशंकर ने भी रीति रिवाज का पालन किया। इस दौरान कबीर पंथ से आए लोगों ने कबीरवाणी का पाठ भी किया। प्रो. ओमशंकर ने कहा कि बेटे-बेटी के बीच समानता का भाव बना रहे, इस वजह से दोनों बहनों और उनकी पत्नी ने अर्थी को कंधा देने के साथ ही मुखाग्नि का संकल्प लिया था, उसको पूरा किया।