गंगा की धारा सिमटती जा रही है।
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भीषण गर्मी ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। पहली बार गंगा का जलस्तर 189 फीट तक गया है। 24 घंटे में दो सेंटीमीटर गंगा का जलस्तर घटा है। गंगा का जलस्तर तीन फीट और नीचे गया तो शहर की पेयजल आपूर्ति ठप हो जाएगी। 189 फीट अलार्मिंग स्थिति मानी जाती है।
186 फीट पर जलस्तर पहुंचने पर शहर की पेयजल आपूर्ति ठप हो जाएगी। इसे देखते हुए जलकल की ओर से कानपुर रामगंगा को पानी छोड़ने के लिए पत्र भेजा गया है। वहीं, नगर निगम की ओर से प्रमुख सचिव सिंचाई को पत्र भेजकर पानी छोड़ने का आग्रह किया गया है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार 57.6 मीटर पर गंगा का जलस्तर स्थिर है। जानकारों के अनुसार अब तक गर्मी में 190 से 192 फीट के बीच ही गंगा का जलस्तर रहता है। इस बार गंगा का जलस्तर 189 फीट तक पहुंच गया है। अगर इसी रफ्तार से गंगा का जलस्तर घटा तो आने वाले दिनों में पेयजल संकट खड़ा हो सकता है।
भूगर्भ जल विभाग के अनुसार बनारस जिले का भूगर्भ जलस्तर 0.10 मीटर और नीचे चला गया है। मार्च में भूगर्भ जलस्तर जहां एक मीटर था, वह अब 1.10 मीटर नीचे चला गया है। इस समय गर्मी के चलते लगातार नीचे जा रहे पानी से हैंडपंपों की बोरिंग फेल हो रही है।
शहर के कुछ क्षेत्रों के अलावा आराजीलाइन, हरहुआ ब्लाॅक, पिंडरा ब्लाॅक डार्क जोन में हैं। यहां बोरिंग प्रतिबंधित है। इनके अलावा बड़ागांव, चिरईगांव, चोलापुर, काशी विद्यापीठ व सेवापुरी ब्लाॅक क्रिटिकल जोन में हैं।