अदालत(सांकेतिक)
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इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रयागराज के एक बुजुर्ग दंपती ने याचिका दाखिल कर अपने बेटे-बहू पर उनको प्रताड़ित करने और एक कमरे में बंद रखने का आरोप लगाया है। साथ ही खाना, पानी और शौचालय तक की सुविधा नहीं देने की बात कही है। कोर्ट ने प्रयागराज के डीएम, पुलिस कमिश्नर और सीएमओ की एक संयुक्त कमेटी बनाकर मामले की जांच का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि बुधवार को ही शाम आठ बजे से पहले लाल बहादुर शास्त्री मार्ग, सिविल लाइंस, प्रयागराज में याची के आवास का दौरा कर याची के सुरक्षा आदि को सुनिश्चित करेंगे।
न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने दिनेश कुमार रस्तोगी और अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया है। कोर्ट ने कमेटी से कहा है कि वह यह सुनिश्चित करें कि बुजुर्ग दंपती अपने घर में आराम से रह सके। साथ ही उनकी सुरक्षा और शांतिपूर्वक निवास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यदि आवश्यक हो तो पुलिस आयुक्त याचिकाकर्ताओं के आवास पर आवश्यक कर्मियों को तैनात कर सकते हैं। कोर्ट ने सीएमओ से कहा है कि दंपती की चिकित्सकीय जांच की जाए। चिकित्सा की सुविधा फोन या अन्य माध्यमों से भी बुजुर्ग को उपलब्ध कराई जाए। कोर्ट ने कमेटी को पूरे मामले की सच्चाई जानने और अपनी रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में न्यायालय में दाखिल करने का निर्देश दिया है।
दंपती के अधिवक्ता आयुष मिश्रा ने दलील दी कि दंपती को लंबे समय से बेटे बहू द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि याची को सामान्य तौर पर इस मामले में पहले जिलाधिकारी के समक्ष आवेदन करना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि फिलहाल हम अपवाद के रूप में वर्तमान याचिका पर विचार कर रहे हैं। कोर्ट ने न्यायहित को देखते हुए यह आदेश पारित किया है।