राम माधव
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आरएसएस के वरिष्ठ नेता राम माधव मंगलवार को अमेरिका के वॉशिंगटन में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सभा में शामिल हुए। उन्होंने इस सभा को संबोधित भी किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद न केवल एक सामाजिक शक्ति है, बल्कि देश के लिए एक राजनीतिक बल बन चुका है। आरएसएस नेता ने कहा कि वामपंथी उदारवादी आज हर तरफ से घिरे हुए हैं, जो कि उनके लिए एक गहरा संकट है।
वॉशिंगटन में आयोजित नेशनल कंजर्वेटिज्म कॉन्फ्रेंस में आरएसएस नेता राम माधव ने कहा, “10 साल पहले राजनीतिक जनादेश प्राप्त करने के बाद हमने इन रूढ़िवादी सर्वसम्मति का इस्तेमाल उन सभी चीजों को वापस पाने के लिए किया, जिसे नेहरूवादी ने हमसे छीन लिया था। हमने समाजवाद संरक्षण को खत्म किया और मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया। पिछले 20 वर्षों में, मैं केवल पिछले 10 वर्षों की बात नहीं कर रहा हूं। एक दशक पहले तक हम 11वें स्थान पर थे और अब हम विश्व की पांचवीं सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था हैं।”
आरएसएस नेता ने आगे कहा, “हमने अपने शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों को वापस पा लिया। हमने मीडिया स्पेस वापस लिया। हाल ही में हमने एक नई शिक्षा नीति लॉन्च किया, जिससे कि हम आने वाली पीढ़ियों को रूढ़िवादी मूल्यों को सिखा सकें। दोस्तों, बारत में अब खुद को समाजवादी, उदारवादी और धर्मनिरपेक्ष कहना फैशन नहीं है। खुद को हिंदू कहना अब बहुत अच्छा लगता है। रूढ़िवादी होना भी अब अच्छा लग रहा है।”