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पावर कॉर्पोरेशन में अब बिजली कनेक्शन देने के मामले में अभियंताओं की भार सीमा बढ़ा दी गई है। उपखंड अधिकारी अब निजी संस्थानों, वाणिज्यिक स्थानों एवं घरेलू कनेक्शन के मामले में 25 किलोवाट (केवी) तक का कनेक्शन जारी कर सकेंगे। पहले इन्हें 10 केवी तक की ही अनुमति थी। अधिकार बढ़ाए जाने से कनेक्शन लेने में होने वाली देरी खत्म होगी। उपभोक्ताओं को तत्काल कनेक्शन मिल सकेगा। इस संबंध में बुधवार को पावर कॉर्पोरेशन के निदेशक मंडल ने आदेश जारी कर दिया।
आदेश के मुताबिक अवर अभियंता (जेई) को अब घरेलू एवं एकल वाणिज्यिक दुकान का चार केवी का कनेक्शन देने का अधिकार मिल गया है। पहले उन्हें सिर्फ घरेलू कनेक्शन देने का अधिकार था। इसी तरह अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) अब सभी तरह के कनेक्शन 25 केवी से 3600 केवी तक का कनेक्शन जारी कर सकेंगे। इसी तरह अधीक्षण अभियंता (एसई) अब सभी तरह के 3600 मेगावाट से अधिक के कनेक्शन जारी कर सकेंगे। पहले उन्हें मुख्य अभियंता से अनुमति लेनी पड़ती थी।
अभियंताओं का अधिकार भी बढ़ाया
पावर कॉर्पोरेशन ने अभियंताओं का अधिकार भी बढ़ा दिया है। अब उपखंड अधिकारी कोटेशन के जरिये हर माह 50 हजार तक की सामग्री खरीद सकेंगे। पहले इन्हें 10 हजार तक का ही अधिकार था। एक्सईएन को पहले एक लाख प्रतिमाह का अधिकार था, जिसे बढ़ाकर अब दो लाख कर दिया गया है और माह की अधिकतम खरीद सीमा पांच लाख कर दी गई है।
इसी तरह एसई अब पांच हजार रुपये की सीधे खरीद कर सकेंगे, जबकि पांच से 10 लाख की खरीद निविदा के जरिये कर सकेंगे। पर, अधिकतम सीमा प्रति माह की 25 लाख रुपये ही रहेगी। मुख्य अभियंता के खरीद की सीमा पहले की तरह ही रखी गई है। इसी तरह डिपाजिट (उपभोक्ता फीस आधारित) कार्य में अभी अभियंताओं की सीमा बढ़ा दी गई है। अब अधिशासी अभियंता 10 करोड़, अधीक्षण अभियंता 10 से 25 करोड़ और मुख्य अभियंता 25 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य खुद स्वीकृत कर सकेंगे। स्वीकृति से पहले तकनीकी स्वीकृति भी लेनी होगी।
लंबे समय से अभियंता संघ कर रहा था मांग
राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महामंत्री जितेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि संघ काफी समय से भार बढ़ाने संबंधी अधिकार बढ़ाने की मांग कर रहा था। कॉर्पोरेशन की ओर से भार बढ़ाने और वित्तीय अधिकार बढ़ाने से कार्यों में तेजी आएगी।