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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में एक शिक्षिका से साइबर अपराधियों ने पार्सल में दवाइयों के साथ ड्रग्स भेजने व मनीलॉडिंग का डर दिखाते हुए 98 हजार रुपये ठग लिए। शातिरों ने अपने आप को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर कार्रवाई का डर दिखाय। ढाई घंटे तक लगातार वीडियो कॉल पर रहने के लिए मजबूर करते हुए डिजिटल अरेस्ट कर लिया। शिक्षिका अपने साथ हुई ठगी के बाद से सदमे में है।
टूंडला कोतवाली क्षेत्र के इंदिरा कॉलोनी निवासी विप्रा सक्सेना उत्तराखंड स्थित एक केंद्रीय विद्यालय में शिक्षिका हैं। एक जून की सुबह 11 बजे उनके मोबाइल पर कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को सेडेक्स कंपनी का कर्मचारी अजय देव बताते हुए उनके द्वारा 22 जून को मुंबई से ईरान किसी अब्दुल रहीम के नाम से भेजे गए 15 किग्रा पार्सल में डायबिटीज एंटीबाइटिक दवाइयां व कोकीन होने की जानकारी दी।
साथ ही एफआईआर की धमकी दी। इसके बाद कॉलर ने कथित मुंबई नारकोटिक्स डिपार्टमेंट को ट्रांसफर कर दी। कॉल रिसीव करने वाले ने पुलिस अधिकारी बताते हुए वीडियो कॉलिंग एप डाउनलोड कराया। इसके बाद वीडियो कॉल पर कथित रूप से पूछताछ की गई।
बैकग्राउंड में वर्दी में मौजूद कई पुलिस अधिकारी भी दिखाई दे रहे थे। इसके कुछ देर बाद बताया गया कि उनकी आईडी कई गैर कानूनी गतिविधियों मनीलांडि्रंग, ड्रग्स सप्लाई एवं अन्य जगह उपयोग में लाई गई है। अगर खुद को बचाना है तो फीस के रूप में 98,921 रुपये ट्रांसफर करने होंगे। इसके बाद निर्दोष होने का प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही ट्रांसफर किए गए रुपये भी वापस कर दिए जाएंगे। उन्होंने कई बार रुपये ट्रांसफर करने का प्रयास किया, लेकिन वह ट्रांसफर नहीं हुए। इसके बाद दोपहर एक बजकर 21 मिनट पर उन्होंने 98,132 रुपये ट्रांसफर कर दिए। रुपये ट्रांसफर होने के बाद ठगों ने उनका फोन काट दिया। घटना के बाद से ही वह सदमे में हैं। पीड़िता की मां अनुसुइया ने ठगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई है।