चंडीगढ़ में किसान संगठनों की बैठक
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पंजाब हरियाणा के बॉर्डर पर पिछले फरवरी माह से डटे किसानों ने हाईकोर्ट के आदेशों के बाद दिल्ली कूच का एलान कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के सदस्य जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि वह शंभू बॉर्डर के खुलते ही दिल्ली के लिए कूच कर देंगे। उनके पास छह महीने का राशन है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि उनको जंतर मंतर या दिल्ली के रामलीला मैदान में शांति पूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी जानी चाहिए। अगर रास्ते में कहीं पर भी सरकार की तरफ से उनको रोकने का प्रयास किया गया तो वह वहीं पर धरना शुरू कर देंगे, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से सरकार की होगी। डल्लेवाल अन्य किसान नेताओं के साथ मंगलवार को चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर ट्रालियों के साथ यह कूच करेंगे, क्योंकि बारिश, गर्मी व सर्दी से बचने के लिए उनके पास एकमात्र विकल्प ट्राली ही होती है। इनमें रेडी टू मूव घर तैयार करवाए हुए हैं। कहा कि कूच में थोड़ा समय लग सकता है, क्योंकि उनको समान समेटने में समय लगेगा। लेकिन दिल्ली कूच पर वह अटल है, क्योंकि इसी के लिए ही उन्होंने अपना आंदोलन शुरू किया था। गांवों में इसके लिए विशेष तैयारी की जा रही है। पंजाब के बठिंडा एवं हरियाणा के सिरसा से किसानों का बड़ा जत्था खनौरी बॉर्डर पहुंच रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से वह कोई मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि सरकार की तरफ से जो वादे किए गए थे, उनको पूरा करवाने के लिए ही आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बॉर्डर खोलने के लिए तैयार नहीं हो रही है, जबकि हाईकोर्ट की तरफ से इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी किए गए हैं। हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट कोर्ट पहुंच गई है। यहां तक कि बॉर्डर पर पहले की तरह सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद साफ हो गया है कि रास्ता किसानों ने नहीं, बल्कि भाजपा सरकार ने रोका है और अब भी हरियाणा सरकार द्वारा रास्ता न खोले जाने पर व्यापारियों को भी किसानों का साथ देने के साथ भाजपा के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 300 मीटर पंजाब की तरफ बॉर्डर का एरिया पड़ता है, इसलिए बॉर्डर खोलने का आदेश पंजाब सरकार के लिए भी हैं।
17 को अंबाला एसपी ऑफिस का करेंगे घेराव
डल्लेवाल ने कहा कि बुधवार को उन्होंने अंबाला एसपी ऑफिस का घेराव करने की भी तैयारी है। वह बुधवार को सुबह अनाज मंडी में एकत्रित होंगे और उसके बाद ही एसपी ऑफिस के लिए कूच करेंगे। वह नौजवान किसान नवदीप सिंह जलबेड़ा की रिहाई के लिए ये घेराव कर रहे हैं और वीरवार को भी उनका ये प्रदर्शन जारी रहेगा। शुभकरण की शॉट गन से मौत पर हरियाणा की तरफ से गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। हरियाणा पुलिस भी शॉट गन का इस्तेमाल करती रही है। पूरे मामले में आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
हरियाणा पुलिस अधिकारियों को जांच सौंपना उचित नहीं
किसान नेताओं ने कहा कि शुभकरण सिंह की हत्या की जांच हरियाणा के पुलिस अधिकारियों को सौंपना उचित नहीं है, क्योंकि हरियाणा पुलिस के अधिकारियों पर ही आरोप हैं। यदि आरोपी ही जांच करेंगे तो न्याय मिलने की उम्मीद न के बराबर है। उन्होंने बताया कि हरियाणा की भाजपा सरकार पहले ही सुप्रीम कोर्ट में जाकर शुभकरण सिंह की हत्या की स्वतंत्र जांच का विरोध कर चुकी है, जिस से उनकी मंशा साफ हो गयी थी, इसलिए जांच के मुद्दे पर वह हरियाणा पुलिस पर विश्वास नहीं कर सकते। इस दौरान नेताओं ने संघर्ष में इस्तेमाल मोर्टार, आंशू गैस के गोले व शॉट गन गोलियों को भी प्रेसवार्ता में रखा। साथ ही पुलिस कार्रवाई की वीडियो साझा की। आरोप लगाया कि सादी वर्दी में किसानों पर हमला किया गया। साथ ही एक्सपायर आंशू गैस का इस्तेमाल किया गया और उन पर मोर्टार भी दागे गए। वह जांच के लिए गठित कमीशन के सामने ये सभी बातें रख रहे हैं।
15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च, 22 जुलाई को दिल्ली में सम्मेलन
डल्लेवाल ने बताया कि 15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च निकालने का भी फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि देश भर में ये ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। इससे पहले 22 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा का साझा सम्मेलन नई दिल्ली में होगा। दोनों मोर्चों ने राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत विपक्ष के तमाम नेताओं से मुलाकात के लिए पत्र लिखा है और उनसे मुलाकात कर के संसद के आगामी सत्र में एमएसपी गारंटी कानून समेत किसानों की तमाम मांगों पर प्राइवेट बिल लाने की मांग की जाएगी। आने वाले दिनों में हरियाणा में घर-घर जाकर दोनों मोर्चों के पदाधिकारी किसानों व मजदूरों को जागरूक करेंगे। 15 सितंबर को हरियाणा में राष्ट्रीय स्तर की किसान महापंचायत की जाएगी, जिसमें लाखों किसान शामिल होंगे। प्रेसवार्ता के दौरान सुरजीत सिंह फूल, अभिमन्यु कोहाड़, अमरजीत मोहड़ी, तेजवीर सिंह, मलकीत सिंह, गुरिंदर भंगू, गुरदास लक्कड़वाली और गुरअमनीत सिंह मांगट भी मौजूद थे।