अमेरिकी सीनेटर बॉब मेनेंडेज
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अमेरिकी सीनेटर बॉब मेनेंडेज को रिश्वतखोरी मामले में दोषी करार दिया गया है। मेनेंडेज पर अपने पद के गलत इस्तेमाल और उद्योगपतियों को गलत फायदा पहुंचाने के एवज में रिश्वत लेने का दोषी पाया गया है। न्यूयॉर्क सिटी की एक संघीय अदालत ने बॉब मेनेंडेज को दोषी करार दिया।
विदेशी एजेंट होने के लगे थे आरोप
नौ हफ्ते तक चली सुनवाई के बाद अभियोजकों ने बॉब मेनेंडेज के खिलाफ सबूत पेश किए। जिनमें दावा किया गया कि न्यूजर्सी के डेमोक्रेट सांसद बॉब मेनेंडेज ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। साथ ही अपने सहयोगियों को आपराधिक जांच से बचाया और अपने सहयोगियों और अपनी पत्नी को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया। बॉब मेनेंडेज पर मिस्त्र के खुफिया विभाग के अधिकारियों से मिलने के भी आरोप लगे थे। आरोप था कि बॉब मेनेंडेज ने मिस्त्र को अमेरिका से करोड़ों डॉलर की सैन्य मदद दिलाने में मदद की। इसके चलते मेनेंडेज पर विदेशी एजेंट होने के भी आरोप लगे थे।
इस्तीफे की उठी मांग
बॉब मेनेंडेज पर विदेशी सरकारों और व्यापारिक सहयोगियों को फायदा पहुंचाने के एवज में सोने की छड़ें, एक मर्सिडीज कार और लाखों डॉलर नकद स्वीकार करने का आरोप था। बॉब मेनेंडेज कभी अमेरिकी संसद की शक्तिशाली विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष थे और अमेरिकी संसद के वरिष्ठ सांसदों में उनका शुमार होता है। न्यूयॉर्क की ज्यूरी ने 70 वर्षीय बॉब मेनेंडेज को मंगलवार को सभी 16 मामलों में दोषी ठहराया। साथ ही मेनेंडेज के सहयोगी वेल हाना और फ्रेड डेब्स को भी दोषी ठहराया गया। बॉब मेनेंडेज को रिश्वत मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद डेमोक्रेट नेता चक शूमर ने उनके इस्तीफे की मांग की है। सीनेट में दूसरे नंबर के नेता डेमोक्रेट सीनेटर डिक डर्बिन ने भी मेनेंडेज से इस्तीफा मांगा है।
मिस्त्र को फायदा पहुंचाने के आरोप
अभियोजकों ने कहा कि सीनेटर मेनेंडेज ने मिस्र सरकार की ओर से एक विदेशी एजेंट के रूप में काम करने की साज़िश रची थी, जो अमेरिकी सैन्य सहायता के सबसे बड़े प्राप्तकर्ताओं में से एक है। मेनेंडेज़ पर आरोप है कि उन्होंने 2018 में व्यक्तिगत रूप से एक पत्र का मसौदा तैयार किया था, जिसे बाद में मिस्र के एक लॉबिस्ट ने सीनेटरों को भेजा था, जिसमें अरब राज्य को 300 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता पर लगी रोक हटाने का अनुरोध किया गया था। हालांकि मेनेंडेज ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है और कहा कि वह एक देशभक्त हैं और उन्होंने सिर्फ अपना काम किया।