पूर्व सांसद उपेंद्र सिंह रावत
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आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के मामले में पूर्व सांसद उपेंद्र सिंह रावत को बड़ी राहत मिली है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के बाद आई रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के उपयोग से तैयार किया जा सकता है। यह स्पष्ट नहीं है कि यह वीडियो असली है। इसमें एआई तकनीक के प्रयोग से इंकार नहीं किया जा सकता।
पिछला लोकसभा सीट चुनाव जीतकर सांसद बनने वाले उपेंद्र सिंह रावत इस बार भी बाराबंकी से भाजपा के प्रत्याशी बनाए गए थे। मगर भाजपा द्वारा इसकी घोषणा के अगले ही दिन कुछ अश्लील वीडियो वायरल हो गए। जिसमें विदेशी युवती के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रहे शख्स को कथित तौर पर उपेंद्र रावत बताया जाने लगा। हालांकि सांसद की तरफ से इस वीडियो को फर्जी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से एडिट किया हुआ करार दिया गया। उनकी तरफ से इस मामले में शहर कोतवाली में केस दर्ज कराया गया था। खुद के निर्दोष साबित न होने तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी।
एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि वायरल वीडियो की मूल क्लिप या वीडियो का पता नहीं चला है। पुलिस लगातार जांच कर रही है। वहीं, यह रिपोर्ट आने के बाद रविवार देर रात पूर्व सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने बताया कि वह तो पहले ही कह रहे थे कि यह वीडियो फर्जी है। इस रिपोर्ट से दोष सिद्ध नहीं हो सका है।